- संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लखीमपुर हिंसा मामले में सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग की है. इसके अलावा राष्ट्रपति से घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की भी मांग की गई है. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्र में लिखा है कि लखीमपुर में किसानों की हत्या में “हितों का टकराव न्याय के लिए मुख्य बाधा है” और आरोप लगाया कि आरोपी को हिरासत में वीआईपी सुविधा दी जा रही थी.
SKM ने अपने पत्र में लिखा है, “केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. हत्या (लखीमपुर में किसानों की) में उनकी भूमिका के लिए अजय मिश्रा को भी तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए (ऊपर जिक्र किए गए अन्य आरोपों के अलावा धारा-120B के तहत आपराधिक साजिश). हम यह भी मांग करते हैं कि इस घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा होनी चाहिए.”
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए 8 लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं को ले जा रहे वाहन ने कुचल दिया था. किसानों ने दावा किया कि एक वाहन में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को इस मामले में 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि आरोपी को हिरासत में वीआईपी सुविधा दी जा रही थी और गवाहों के बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपेक्षित गति से दर्ज नहीं किए जा रहे हैं. पत्र में लिखा गया है, “यह साफ है कि लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार मामले में हितों का टकराव न्याय में बहुत बड़ी बाधा है और कोई भी सरकार नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों के आधार पर अब तक अजय मिश्रा को अब तक बर्खास्त करके गिरफ्तार कर लेती.”