मुंबई. व्यवसायी मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की मौत के मामले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) रविवार को आरोपी सचिन वाजे (Sachin Waze) को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मीठी नदी (Mithi River) के पुल पर ले गई, जहां गोताखोरों ने नदी से एक कंप्यूटर सीपीयू, गाड़ी की दो नंबर प्लेट और अन्य सामान बरामद किए हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन नंबर एक ही है.
मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गोताखोरों की मदद से तलाशी के दौरान एनआईए ने नदी से राउटर, कंप्यूटर कार्ट्रिज और अन्य सामग्री बरामद की. डीवीआर को कथित रूप से ठाणे में हाउसिंग सोसाइटी से हटा दिया गया था, जहां वाजे रहते हैं. अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम अपराह्र लगभग तीन बजे वाजे को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मौके पर ले गई.
उन्होंने बताया, “एनआईए पेशेवर के साथ-साथ स्थानीय गोताखोरों की मदद ले रही है, जो मीठी नदी को अच्छी तरह से जानते हैं और साक्ष्य बरामद किए जा सकते हैं.” यह संदेह है कि सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी ने एनआईए को पूछताछ के दौरान बताया था कि इन सबूतों को मीठी नदी में फेंक दिया गया था. वाजे के करीबी काजी से हाल में एनआईए ने कई बार पूछताछ की थी.
गौरतलब है कि हिरेन गत पांच मार्च को ठाणे में एक क्रीक में मृत पाए गए थे. उससे कुछ दिन पहले हिरन ने दावा किया था कि दक्षिण मुंबई के एक रिहायशी इलाके में जो स्कॉर्पियो मिली थी वह उसके पास से चोरी हो गई थी. उस स्कॉर्पियो में विस्फोटक सामग्री (जिलेटिन की छड़ें) मिली थी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिरन मामले की जांच 20 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी. महाराष्ट्र की आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) भी इस मामले की जांच कर रहा था, लेकिन बीते 24 मार्च को ठाणे की एक अदालत ने एटीएस को निर्देश दिया कि वह व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामले की जांच रोक दे और मामले के रिकॉर्ड तत्काल एनआईए को सौंप दे.
एनआईए पहले ही विस्फोटक वाले एसयूवी की बरामदगी से संबंधित मामले की जांच कर रहा है और मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया इकाई के निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को 13 मार्च गिरफ्तार किया है. हिरन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि वाजे कुछ समय से उसी एसयूवी का उपयोग कर रहे थे और उनके पति की मृत्यु में उसकी भूमिका है.