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सदर अस्पताल में टेक्नीशियन नहीं, 8 महीने से धूल फांक रहे 6 नए वेंटिलेटर


बिहार सरकार किस मुस्तैदी से युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है इसकी तस्वीर सुपौल के सदर अस्पताल में देखने को मिल रही है. जहां 8 महीने से 6 नए वेंटिलेटर यूं ही पड़ा हुआ है, लेकिन इस्तेमाल में नहीं आ रहा है. बिहार सरकार ने पिछले दिनों एक लिस्ट जारी की थी. जिसमें सभी जिलों के सदर अस्पताल में मरीजों के लिए कितने वेंटिलेटर की व्यवस्था है, के बारे में बखान किया गया था.

सुपौल जिले के सदर अस्पताल में 6 वेंटिलेटर की व्यवस्था है. और इस लिस्ट में इस बात का जिक्र था. ‘आजतक’ की टीम शुक्रवार को सुपौल के सदर अस्पताल में पहुंची और इस बात की जानकारी शुरू की कि क्या वाकई इस अस्पताल में 6 वेंटिलेटर मौजूद हैं और क्या उससे मरीजों का इलाज हो रहा है?

इसी क्रम में अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 8 महीने पहले PM CARES फंड के माध्यम से अस्पताल को 6 नए वेंटिलेटर प्राप्त हुए थे लेकिन अब तक उसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है. इसी दौरान अस्पताल के हेल्थ मैनेजर अखिलेश कुमार टीम को उस कमरे में ले गए जहां पर 6 नए वेंटिलेटर को ताला लगा के रखा हुआ था.

इस बात को लेकर काफी हैरानी पैदा हुई कि जब सदर अस्पताल में संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है और कई बार उनकी हालत गंभीर हो जाती है और उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत महसूस होती है तो ऐसे में 6 नए वेंटिलेटर को कमरे में बंद रखने का क्या औचित्य है?