वाराणसी

सारनाथ पुलिस सचेत होती तो नहीं होती मासूम की हत्याï!


चार दिनों पूर्व दर्ज करायी गयी थी गुमशुदगी, हत्या से एक दिन पूर्व मांगी गयी ५० हजार की फिरौती, अपहरणकर्ताओं ने भेजा था पत्र

मृतक के परिजनों ने थाने में किया हंगामा

घर से चार दिनों पूर्व गायब मासूम की हत्या के पीछे परिजनों ने सारनाथ पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। अगर पुलिस सर्तक होती तो विशाल कुमार नौ वर्ष की जान नही जाती। पुलिस की लचीली प्रक्रिया ही उसकी मौत का कारण बन गयी। वही हत्या से एक दिन पूर्व अपहरणकर्ताओं ने बालक के घर ५० हजार रुपये फिरौती मांगने का धमकी भरा पत्र दरवाजे पर भेजा था। परिजनों ने धमकी भरे पत्र को सारनाथ पुलिस को दिया था। बालक की गुमशुदगी और धमकी भरे पत्र मिलने के बाद भी सारनाथ पुलिस की नींद नहीं खुली। अन्तोगत्वा  अपहरणकर्ता ने मासूम विशाल की हत्या कर उसके शव को घर के करीब फेक दिया था। घर का चिराग बुझने से परिजन दहाड़े मारकर रोते हुए सोमवार को सायंकाल सारनाथ थाने पहुंचे और जमकर बवाल काटा। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। किसी तरह साथी पुलिस कर्मियों द्वारा त्वरित काररवाई कर हत्यारों को पकडऩे का आश्वासन दिये जाने के बाद उनका गुस्सा शांत हुआ। इस दौरान थाने में अफरा तफरी मच गयी थी। सारनाथ थाना क्षेत्र के पंचक्रोसी पैगम्बर निवासी मंजे कुमार शादी विवाह में सजावट का काम करता है। उसका एक लौता पुत्र विशाल कुमार नौ वर्ष पैगम्बरपुर प्राथमिक विद्यालय में कक्षा चार में पढ़ता था। वह गत २९ जनवरी दिन शुक्रवार को सायंकाल चार बजे हाथी देखने के लिए पड़ोसी बच्चों के साथ घर से निकला था। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। उसी दिन उसके पिता सारनाथ थाने पहुंचे और अपने पुत्र विशाल के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इतना ही नहीं बालक को अगवा करने वालों ने रविवार को प्रात: एक धमकी भरा पत्र भेजा जिसमें ५० हजार रुपये फिरौती की मांग की गयी थी। परिजन फिरौती के बारे में भी पुलिस को अवगत कराया था। इसके बाद भी पुलिस की नींद नहीं खुली, अन्तोगत्वा रुपये न मिलने पर अपहरणकर्ताओं ने मासूम विशाल कुमार की हत्या कर उसके शव को उसके घर से तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित खेत में फेक कर भाग गये। सोमवार को अलसुबह विशाल का शव मिला। इस घटना के बाद उसके परिजन वेसुध हो गये। घर में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस को बालक का शव लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों के हस्तक्षेप से शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक इस घटना के मामले में पुलिस मृतक के पड़ोसी समेत चार लोगों को हिरासत में ले लिया।

चार दिनों पूर्व दर्ज करायी गयी थी गुमशुदगी, हत्या से एक दिन पूर्व मांगी गयी ५० हजार की फिरौती, अपहरणकर्ताओं ने भेजा था पत्र, मृतक के परिजनों ने थाने में किया हंगामा

घर से चार दिनों पूर्व गायब मासूम की हत्या के पीछे परिजनों ने सारनाथ पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। अगर पुलिस सर्तक होती तो विशाल कुमार नौ वर्ष की जान नही जाती। पुलिस की लचीली प्रक्रिया ही उसकी मौत का कारण बन गयी। वही हत्या से एक दिन पूर्व अपहरणकर्ताओं ने बालक के घर ५० हजार रुपये फिरौती मांगने का धमकी भरा पत्र दरवाजे पर भेजा था। परिजनों ने धमकी भरे पत्र को सारनाथ पुलिस को दिया था। बालक की गुमशुदगी और धमकी भरे पत्र मिलने के बाद भी सारनाथ पुलिस की नींद नहीं खुली। अन्तोगत्वा  अपहरणकर्ता ने मासूम विशाल की हत्या कर उसके शव को घर के करीब फेक दिया था। घर का चिराग बुझने से परिजन दहाड़े मारकर रोते हुए सोमवार को सायंकाल सारनाथ थाने पहुंचे और जमकर बवाल काटा। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। किसी तरह साथी पुलिस कर्मियों द्वारा त्वरित काररवाई कर हत्यारों को पकडऩे का आश्वासन दिये जाने के बाद उनका गुस्सा शांत हुआ। इस दौरान थाने में अफरा तफरी मच गयी थी।

सारनाथ थाना क्षेत्र के पंचक्रोसी पैगम्बर निवासी मंजे कुमार शादी विवाह में सजावट का काम करता है। उसका एक लौता पुत्र विशाल कुमार नौ वर्ष पैगम्बरपुर प्राथमिक विद्यालय में कक्षा चार में पढ़ता था। वह गत २९ जनवरी दिन शुक्रवार को सायंकाल चार बजे हाथी देखने के लिए पड़ोसी बच्चों के साथ घर से निकला था। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। उसी दिन उसके पिता सारनाथ थाने पहुंचे और अपने पुत्र विशाल के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इतना ही नहीं बालक को अगवा करने वालों ने रविवार को प्रात: एक धमकी भरा पत्र भेजा जिसमें ५० हजार रुपये फिरौती की मांग की गयी थी। परिजन फिरौती के बारे में भी पुलिस को अवगत कराया था। इसके बाद भी पुलिस की नींद नहीं खुली, अन्तोगत्वा रुपये न मिलने पर अपहरणकर्ताओं ने मासूम विशाल कुमार की हत्या कर उसके शव को उसके घर से तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित खेत में फेक कर भाग गये। सोमवार को अलसुबह विशाल का शव मिला। इस घटना के बाद उसके परिजन वेसुध हो गये। घर में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस को बालक का शव लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों के हस्तक्षेप से शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक इस घटना के मामले में पुलिस मृतक के पड़ोसी समेत चार लोगों को हिरासत में ले लिया।