23 वर्षीय रवि देवा संक्रमित मरीजो व असहायों को खिला रहे है निःशुल्क खाना
सासाराम (आससे)। कहते हैं समाज सेवा करने के लिए कोई उम्र या परिस्थितियां आड़े नहीं आती है। कोरोना महामारी में जहां एक ओर कुछ लोग इस आपदा ने अवसर समझ कर लोगों को लूटने में लगे हुए हैं तो वहीं सासाराम प्रखंड के करपुरवा गांव निवासी 23 वर्षीय रवि देवा कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ-साथ असहाय लोगो के लिए भोजन बनाकर उन्हें खिला रहे हैं। बता दें कि रवि देवा सासाराम सदर अस्पताल गेट के नजदीक देवा की रसोई नामक एक छोटा होटल चलाते हैं जहां 10 रुपये में सभी को भरपेट भोजन खिलाते हैं। परंतु जबसे लॉकडाउन लगा है तब से रवि देवा ने अपने रसोई में सभी के लिए भोजन नि:शुल्क कर दिया है। खासकर सदर अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों एवं सड़कों पर जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए उन्होंने यह व्यवस्था किया है।
पिछले लॉकडाउन में भी घर-घर पहुँचा रहे थे राशन व सब्जियां
बता दे कि 23 वर्षीय रवि देवा पिछले वर्ष पूरे लॉकडाउन के दौरान शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पिकअप पर हरी सब्जियां लाद कर लोगों के बीच नि:शुल्क वितरण कर रहे थे। इसके अलावा गरीब बस्तियों एवं घरों में जा जाकर लोगों को हरी सब्जियां एवं राशन मुहैया करवा रहे थे। रवि देवा बाजारों से हरी सब्जियां खरीद कर उसे पिकअप में लादते थे और स्वयं शहर के मुख्य चौराहों के साथ-साथ गलियों में घूम-घूम कर लोगों को नि:शुल्क सब्जियां मुहैया करवाते थे। इसके अलावा उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया था ताकि जिसको भी किसी भी चीज की आवश्यकता पड़े उन्हें वह मुहैया करा सके।
कॉंटेन्मेंट जोन में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए बनाते थे भोजन
बता दें कि पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण का भय लोगों में बना हुआ था उस दौरान रवि देवा के क्षेत्र में भी कुछ लोग कोरोना के चपेट में आ गए थे। इस कारण उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था और वहां पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कंटेनमेंट जोन में तैनात तकरीबन दो दर्जन पुलिस कर्मियों के लिए रवि देवा दोपहर एवं रात के लिए भोजन बनाते थे और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को खिलाते थे।
इस कार्य के लिए नहीं लेते किसी से सहयोग
रवि देवा बताते हैं कि इस काम के लिए वे किसी से सहयोग नहीं लेते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान जमीन बेचकर घर बनाने के लिए पैसा रखा था परंतु घर बनवाने के बजाय उस पैसे से अनाज एवं सब्जियां खरीद कर गरीबों के बीच वितरण कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इसके लिए घर से भी भरपूर सहयोग मिलता है। इसलिए इस तरह के कार्यों में वह हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि गरीबों की सेवा करने में यदि आवश्यकता पड़ी तो वे अपना और जमीन बेच देंगे और उस पैसे से इस संकट की स्थिति में असहाय एवं गरीबों की मदद करेंगे।