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सीएम मान ने अग्निवीर अमृतपाल के परिवार को सौंपा एक करोड़ का चेक,


,मानसा। पंजाब के मानसा में एक अग्निवीर जवान अमृतपाल सिंह (Agniveer Amritpal Singh) को बलिदानी का दर्जा न देने पर एक तरफ आम आदमी पार्टी (AAP Party) लगातार भाजपा पर हमलावर दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने परिवार से जाकर मुलाकात की है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह को बलिदानी का दर्जा न देना बलिदानियों का अपमान है। यह बहुत ही दुख की बात है। अब बलिदानों में भी भेदभाव किया जाने लगा है। वह केंद्रीय रक्षा व गृह मंत्रालय के पास जाकर यह मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा की नीतियां बनाने वालों को क्या पता है, कभी उनके अपने सेना में भर्ती हुए हों तो पता हो।

प्रशासन से बोल अमृतपाल सिंह को दिलाया पुलिस से गार्ड ऑफ ऑनर-सीएम

अमृतपाल सिंह के परिवार को भी सम्मान न मिलने का बहुत दुख है। उनके पिता का कहना है कि उसे नहीं पता कि अग्निवीर क्या होता है। उसने तो अपने बेटे को सेना में भर्ती कराया था। सेना ने उसे वही वर्दी और वही हथियार दिए थे, जोकि अन्य सेना के जवानों को दिए जाते हैं। भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने खुद जिला प्रशासन को कहकर अमृतपाल सिंह को पुलिस से गार्ड ऑफ ऑनर दिलाया है।

अमृतपाल बहुत ही बहादुर नौजवान था और पूरे घर का बोझ उसके कंधे पर था। मुख्यमंत्री न कहा कि पंजाब सरकार (Punjab News) की नीति है कि पंजाब के किसी भी सैनिक के देश के किसी भी कोने पर बलिदान होने पर उसके परिवार को एक करोड़ रूपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस राशि से जवान की जान तो वापस नहीं आ सकती, लेकिन परिवार की कबीलदारी चलती रहती है।

दुख की बात अमृतपाल को चार सेल्यूट भी नहीं मारे गए-सीएम मान

बलिदानियों के परिवारों को संभालना पंजाब सरकार (Punjab Government) का फर्ज है, नहीं तो किसी ने अपने बेटे को सेना में भेजने की हिम्मत नहीं करनी। देश का 60 फीसद बजट रक्षा पर खर्च किया जाता है, लेकिन कितने दुख की बात है कि अमृतपाल को चार सेल्यूट भी नहीं मारे गए।

मुख्यमंत्री ने अग्निवीर योजना (Agniveer Yojana) पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें महज छह माह की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि अन्य विभागों में एक-एक साल की ट्रेनिंग चलती है। तीन साल के बाद अग्निवीर को वापस घर भेज दिया जाता है। उसे न पूर्व सैनिक माना जाता है और न ही उसे

कोई पेंशन दी जाती है। पंजाब सरकार अमृतपाल को बलिदानी का दर्जा देगी। उसके नाम पर स्टेडियम बनाया जाएगा। उसकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

इससे पहले रविवार को आप पार्टी के नेता राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने कहा कि पंजाब सरकार शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह (Agniveer Amritpal Singh) के परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि देगी।

अग्निवीर अमृतपाल सिंह को पंजाब सरकार द्वारा बलिदानी मानते हुए सहायता राशि देने पर अमृतपाल के परिवार ने आप पार्टी का आभार जताया है। राघव चड्ढा ने कहा कि अग्निवीरों को शहीद का दर्जा न देना सेना को भविष्य में कमजोर करेगा।

 सेना की वर्दी पहना तो सेना का बेटा बन गया-पिता

अमृतपाल सिंह के पिता गुरदीप सिंह ने जम्मू-कश्मीर में अमृतपाल सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में कहा कि बेटे को भर्ती कराकर सेना को सौंपा था। जब उसने सेना की वर्दी पहन ली तो वह सेना का बेटा बन गया। अब सेना कह रही है कि उसे बलिदानी न माना जाए।

 

वह अपने बेटे को बलिदानी मानते हैं, क्योंकि उसने देश की सीमा पर अपनी जान कुर्बान की है। भारत सरकार को भी उसे बलिदानी का दर्जा देना चाहिए।