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सीएम योगी बोले- 2017 से पहले ‘अब्बा जान’ कहने वाले ही हजम कर जाते थे राशन


  • कुशीनगर/संतकबीरनगर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर और संतकबीरनगर में करोड़ों की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बिना नाम लिए पूर्व की सपा सरकार और अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, आज गरीबों को राशन मिल रहा है, ये राशन क्या 2017 के पहले भी मिलता था? 2017 के पहले राशन नहीं मिलता, क्योंकि तब अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे। आज इन गरीबों का राशन कोई हजम नहीं कर सकता। अगर हजम करेगा तो वो जेल जाएगा।

कुशीनगर, संतकबीर नगर में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास

मुख्यमंत्री योगी ने कुशीनगर में राजकीय मेडिकल कॉलेज और 310.44 करोड़ की अन्य 96 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और 14.17 करोड़ की 11 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा, “आज हम कुशीनगर में लगभग 400 करोड़ रुपए से ज्यादा विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण हुआ है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतकबीर नगर में 126 करोड़ की लागत से निर्मित जिला कारागार का लोकार्पण व 119 करोड़ की अन्य विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेज होगा: सीएम योगी

संत कबीरनगर में सीएम योगी ने कहा कहा, आज 219 करोड़ की लागत की कुल 106 परियोजनाओं का लोकार्पण व लगभग 26 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि 245 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास यह प्रदर्शित करता है कि जनपद संत कबीरनगर भी अब विकास की मुख्यधारा के साथ जुड़कर एक नई लोक-गाथा के साथ आगे बढ़ने का कार्य करेगा। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने 2 साल पहले संत कबीर दास जी की स्मृति में उनकी सप्त साधना को एक नई ऊंचाई देते हुए कबीर पीठ की स्थापना जनपद संत कबीरनगर के मगहर में की थी। इसके लोकार्पण की तारीख जल्द ही आने वाली है। सीएम ने कहा कि संत कबीरनगर समेत प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेज होगा।

सीएम ने कहा- कुशीनगर से हवाई जहाज भी उड़ेगा

सीएम योगी ने कहा कि अब तो कुशीनगर से हवाई जहाज भी उड़ेगा। हमारा प्रयास है कि कुशीनगर एयरपोर्ट से पहली फ्लाइट अंतरराष्ट्रीय हो। एयरपोर्ट का भव्य उद्घाटन शीघ्र होगा। उन्होंने कहा कि कुशीनगर के बच्चे इंसेफेलाइटिस की चपेट में आते थे, उनकी असमय मौत हो जाती थी। घर-घर शुद्ध पेयजल व ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के साथ बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं ने आज दिमागी बुखार को समाप्त कर दिया है।