सीतामढ़ी (आससे)। जिले की बैरगनिया प्रखंड मुख्यालय स्थित इंडो-नेपाल बॉर्डर के लालबकेया नदी के पास चल रहे बांध मरम्मती कार्य को नेपाल सशस्त्र प्रहरी ने रोक लगा दी है। बांध मरम्ममती कार्य को रोक दिए जाने से बांध टूटने का खतरा बढ़ गया है। सीमा से सटे नेपाल के बंजरहा गांव व लालबकेया नदी के पश्चिमी भाग में बांध मरम्मती के लिये वहां जिओ बैग रखे जा रहे थे।
लेकिन इसी बीच नेपाल के रौतहट जिले में तैनात नेपाल सशस्त्र प्रहरी के छिन्नमस्ता वाहिनी के जवानों ने इसे रोक दिया है। छिन्नमस्ता वाहिनी के प्रमुख डीआईजी चन्द्र प्रकाश गौतम ने बताया कि बांध की मरम्मती के नाम पर इसे बोरा में मिट्टी रख कर उच्चा किया जा रहा था। जो सही नही है ऐसा वे नही होने देंगे। उन्होंने कहा कि बांध के पूर्व के संरचना में परिवर्तन स्वीकार्य नही है। डीआईजी गौतम ने बताया कि इस मामले में भारतीय पक्ष के एसएसबी के वरीय अधिकारियों से बातचीत चल रही है।
नेपाल की ओर से बताया गया है कि रौतहट जिले की सीमा से सटे भारत-नेपाल सीमा पर बाढ़ से बचाव को लेकर 32 किलो मीटर लम्बे बांध का निर्माण किया गया है। नेपाल की ओर से बराबर आरोप लगाया जाता है कि बैरगनिया के बचाव को लेकर बना रिंग बांध को प्रतिवर्ष मरम्मती के नाम पर उच्चा किया जा रहा है। जिसके चलते नेपाल के सीमावर्ती गांव में विनाशकारी बाढ़ आती है। जिससे जान माल का भारी नुकसान होता है।
रौतहट के सीडीओ (डीएम) इंद्रदेव यादव ने तो बांध को ही नोमेन्स लैंड पर अतिक्रमण कर बनाये जाने का आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि रिंग बांध 6 से 7 फिट नोमेन्स लैंड को अतिक्रमित कर बना दिया गया है। डीएम ने बताया है मामले की जानकारी गृह मंत्रालय को दे दी गयी है।
इस बाबत बागमती प्रमंडल के सहायक अभियंता सुरेश कुमार ने बताया कि बांध की मरम्मती की जा रही है न कि इसे उच्चा किया जा रहा है। नेपाल की ओर से बांध मरम्मती का विरोध किया जाना दुर्भाग्य पूर्ण बताया है। अगर बांध का प्रतिवर्ष मरम्मती नही हो तो इसे टूटने का खतरा रहता है। जिससे बांध के अंदर बसे घर को जान माल का भारी नुकसान सहना पड़ता है।