नई दिल्ली, सीबीआई की टीम ने मंगलवार को पंजाब में एफसीआई के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की। व्यापारियों और चावल मिल मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए घटिया अनाज खरीदने वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने शिकंजा कसा। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम ने पंजाब में 30 स्थानों पर तलाशी शुरू की। यह जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई।
बता दें, सीबीआई ने एफसीआई के अधिकारियों, चावल मिल मालिकों और अनाज व्यापारियों के एक भ्रष्ट सिंडिकेट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की। एजेंसी ने अभियान के तहत 30 स्थानों की तलाशी ली है।
ऑपरेशन कनक 2 के तहत कार्रवाई
सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की टीमों ने ‘ऑपरेशन कनक 2’ के तहत सरहिंद, फतेहपुर साहिब और मोंगा सहित पंजाब के कई जिलों में अनाज व्यापारियों, चावल मिल मालिकों और एफसीआई के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी शुरू की।
तलाशी का दूसरा दौर
सीबीआई टीम के द्वारा एफसीआई अधिकारियों के एक संगठित सिंडिकेट से संबंधित एफआईआर में यह दूसरे दौर की तलाशी है। तलाशी के दौरान पता चला है कि जिन्होंने निजी मिलरों से एफसीआई गोदामों में अनलोड किए गए प्रति ट्रक 1000-4000 रुपये प्रति फसल सीजन के लिए उनके द्वारा आपूर्ति किए गए कम गुणवत्ता वाले अनाज को कवर करने और अन्य एहसानों के लिए कथित रूप से रिश्वत ली।
सीबीआई के अधिकारियों ने यह आरोप लगाया है कि प्रत्येक स्तर पर कटौती के एक सुपरिभाषित प्रतिशत में मुख्यालय तक पहुंचने वाले प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत वितरित की गई थी।
अनाज की खरीद में चल रही थी धांधलेबाजी
एफआईआर में पंजाब भर में एफसीआई के कई डिपो में इस तरह की रिश्वत वसूली का विवरण दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी सहायकों से लेकर कार्यकारी निदेशकों तक के अधिकारी कथित रूप से निजी मिलरों से रिश्वत लेने वाले सिंडिकेट का हिस्सा थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया है, ”एफसीआई के अधिकारियों द्वारा अनाज के भंडारण के दौरान एफसीआई डिपो में उतारे जाने वाले प्रति ट्रक के आधार पर डिपो स्तर पर रिश्वत की राशि एकत्र की जाती है। इसके बाद यह रिश्वत राशि एफसीआई के विभिन्न रैंकों को वितरित की जाती है।