नई दिल्ली, । पूर्वी लद्दाख से सटे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित गोगरा-हॉटस्पि्रंग इलाके से अपने अपने सैनिकों को वापस बुलाने के बावजूद भारत और चीन के बीच मई, 2020 से जारी सीमा विवाद का पूरी तरह से समाधान नहीं हो पाया है। शुक्रवार को एक बार फिर दोनो देशों के विदेश मंत्रालयों की अगुवाई में गठित कार्यदल (वर्किंग मेकानिज्म फॉर कंस्लेटेंशन एंड कोआर्डिनेशन ऑन इंडिया-चाइना बार्डर एरिया- डब्लूएमसीसी) की बैठक हुई।
बैठक में हुई भारत-चीन के एलएसी के हालातों पर चर्चा
बैठक में भारत-चीन के एलएसी के हालातों पर चर्चा की गई और यह सहमति बनी की आगे सीमा पर शांति बहाली और द्विपक्षीय संबंधों को पूरी तरह से सामान्य बनाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर वार्ता का दौर जारी रहेगा। इससे यह भी संकेत मिलता है कि शुक्रवार की बैठक में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के घुसपैठ (मई, 2020) के बाद से ही दोनो देशों के बीच सैन्य कमांडरों के स्तर पर और डब्लूएमसीसी के तहत कूटनीतिक स्तर पर वार्ता का दौर चलता रहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया
डब्लूएमसीसी के तहत यह 25 वीं बैठक थी जबकि सैन्य कमांडर स्तर पर 16 दौर की वार्ता हो चुकी है। मौजूदा सैन्य विवाद को सुलझाने में इन दोनो स्तरों पर होने वाली बैठकों की अहम भूमिका रही है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि डब्लूएमसीसी की अंतिम बैठक मई, 2022 में हुई थी और उसके बाद दोनो देशों ने गोगरा-हॉटस्पि्रंग के पीपी-15 से अपने सैनिकों की वापसी का फैसला किया था।
जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की होगी 17वीं बैठक
दोनो पक्षों ने 8-12 सितंबर के दौरान सैन्य वापसी का स्वागत किया। दोनो ने यह माना है कि बाली में भारत व चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात में जो सहमति बनी थी उसके मुताबिक ही सैन्य वापसी हुई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डब्लूएमसीसी की बैठक के बाद सीमा से जुड़े अन्य मुद्दों को सुलझाने के लिए जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की 17वीं बैठक होगी। सनद रहे कि सैनिकों की वापसी को दोनो देश अलग अलग तरीके से देखते है।
भारत में चीन के राजदूत ने हाल ही में कहा था कि सैन्य वापसी के बाद रिश्ते सामान्य हो गये हैं जबकि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह कहा है कि अभी जो सैन्य वापसी हुई है उससे दोनो देशों की सीमाओं पर मौजूदा समस्याओ में से एक कम हो गई हैं। भारत की मांग है कि जब तक एलएसी पर अप्रैल, 2020 की स्थिति बहाल नहीं होती है तब तक हालात को पूरी तरह से सामान्य नहीं कहा जा सकता।
इस पर चीन का रवैया बहुत स्पष्ट नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसका सीधा जबाव नहीं दिया है जबकि चीन सरकार के मुख पत्र द ग्लोबल टाइम्स ने इसे भारत की कल्पना करार दिया था। बहरहाल, यह स्पष्ट है कि सीमा विवाद को लेकर वार्ताओं का दौर जारी रहेगा।