Latest News उत्तर प्रदेश लखनऊ

सुझावों पर अमल के बाद जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार,


  • लखनऊ, : उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून में संसोधन को लेकर मिले सुझावों के बाद अब यूपी लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट जल्द ही सीएम योगी को सौंपी जाएगी। शासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बिल में संशोधन को लेकर आठ हजार से अधिक सुझाव लॉ कमीशन को मिले थे। इन सुझावों को 58 कैटेगरी में बांटा गया है। इसमें सबसे रोचक बात यह है कि लोगों ने अपने सुझावों में यह भी मांग की है कि जनसंख्या नियंत्रण बिल का उल्लंघन करने वालों को लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। हालांकि मसौदे में पहले ही यह प्रावधान किया गया था कि यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून का उल्लंघन करने वाले लोकल निकायों का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

UP में अगले साल विधानसभा चुनाव है। ऐसे में संघ के एजेंडे में शामिल जनसंख्या नियंत्रण कानून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। कर्नाटक समेत कुछ अन्य राज्य भी इसमें रुचि ले रहे हैं। योगी सरकार का तर्क है कि राज्य की आबादी जिस तरह बढ़ रही है, उससे हेल्थ समेत अन्य सुविधाएं देने में दिक्कत आ रही है। जनसंख्या पर काबू करना बेहद जरूरी हो गया है। इससे लोगों को सुविधाएं देने और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल में मदद मिलेगी। संघ के विश्व हिंदू परिषद जैसे अनुषांगिक संगठन लगातार आशंका जता रहे हैं कि अगर मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को नहीं रोका गया तो कुछ ही साल में भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे।

सीएम की हरी झंडी मिलने के बाद इसी विधानसभा सत्र में पेश हो सकता है बिल

यूपी लॉ कमीशन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून में संसोधन को लेकर लोगों से सुझाव मांगे थे। इसी क्रम में आयोग के पास आठ हजार से अधिक सुझााव मिले हैं। सुझाव देने वालों में पूर्व सिविल सर्वेंट, वकीलों और जजों को शामिल किया गया था। हालांकि सूत्र बताते हैं कि करीब चालीस लोगों ने ही इस विधेयक का विरोध किया है। इसमें ज्यादातर लोगों ने इस नीति का उल्लंघन करने वालों को लोकल बॉडी के चुनाव के साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। इस बिल के मसौदे को अब सीएम को सौंपा जाएगा। इसके लिए आयोग ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। सीएम की हरी झंडी मिलने के बाद ही इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा उसके बाद इसे इसी विधानसभा सत्र में पेश किया जा सकता है।