नई दिल्ली: साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि साल 2019 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है। इस बार सिनेमा के इतिहास में महान एक्टर रजनीकांत को पुरस्कार जा रहा है। उनका एक एक्टर प्रोड्यूसर, और स्क्रीनराइटर के रूप में योगदान आइकॉनिक है।
साउथ में भगवान मानते हैं रजनीकांत को
रजनीकांत को साउथ में भगवान की तरह मानते हैं। वहां लोग उन्हें थलाइवा कहकर पुकारते हैं। बता दें कि रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलूरू के एक मराठी परिवार में हुआ। रजनीकांत ने अपने शानदार अभिनय और संघर्ष से ना केवल टॉलीवुड में बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई।
5 ज्यूरी थे मौजूद
बता दें कि इस साल का सलेक्शन 5 लोगों की ज्यूरी ने मिलकर किया है। जिलमें आशा भोंसले, शंकर महादेवन, विश्वजीत चटर्जी, मोहनलाल और सुभाष घई मौजूद थे। इस बैठक में राजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देने की सिफारिश की।
रजनीकांत के काम की बात करें तो उन्होंने 25 साल की उम्र से ही अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी थी। शुरुआत में वे कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका में नजर आते थे। वहीं लीड रोल में वे साल 1978 में फिल्म भैरवी में नजर आए थे। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आज लोग रजनीकांत के अंदाज के दीवाने हैं।





