- नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को अनावश्यक और ”बेवजह” टिप्पणियों से बचना चाहिए क्योंकि उनके गंभीर परिणाम होते हैं. यह बात शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कही.
कोविड-19 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह सलाह दी. सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील रणजीत कुमार ने क्रमश: केंद्र और बिहार सरकार की तरफ से पेश होते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्टों को चेताया
कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीकों को लेकर मद्रास और दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और विभिन्न प्राधिकारों को काफी फटकार लगाई है. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश में कोविड-19 प्रबंधन का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की है. उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार के हलफनामे का संज्ञान लिया और हाई कोर्ट को चेताया.
तैनात अधिकारियों को फटकारना ”काफी मनोबल” गिराने वाली बात है- सुप्रीम कोर्ट
वकीलों ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित अधिकारियों सहित सरकारी अधिकारी महामारी की स्थिति से निपटने में अधिक काम कर रहे हैं. कुमार ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को फटकारना ”काफी मनोबल” गिराने वाली बात है.