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सुबह 6:40 बजे किया चाय और नाश्ता… तिहाड़ जेल में ऐसे हुई केजरीवाल के दिन की शुरुआत


नई दिल्ली। अब समाप्त हो चुकी दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया। तिहाड़ जेल में दिल्ली सीएम की सुबह की शुरुआता चाय और नाश्ते के साथ हुई।

 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अदालत ने अरविंद केजरीवाल को डायबिटीज होने के लते घर का बना खाना खाने और अपने साथ निर्धारित दवाएं ले जाने की अनुमति दी है।

अदालत के आदेश के अनुसार, हाई सिक्योरिटी वाली तिहाड़ की जेल नंबर 2 में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक अलग कमरा दिया गया और तीन किताबें रखने के लिए एक मेज और एक कुर्सी दी गई है। एएनआई ने तिहाड़ जेल के सूत्रों के हवाले से बताया, ” जेल में पहली रात केजरीवाल अपने खुद के बिस्तर पर सोए, जो जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए नियमित बिस्तर से अलग था।

सुबह 6:40 बजे किया नाश्ता

दिल्ली के मुख्यमंत्री मंगलवार को जल्दी उठे और उन्हें सुबह 6:40 बजे नाश्ता और चाय दी गई। दोपहर के भोजन के बाद, उन्हें 12 बजे अपने सेल में वापस जाना होगा और दोपहर 3 बजे तक वहीं रहना होगा।

जेल में इन लोगों से मिल सकेंगे केजरीवाल

जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से नियमित मुलाकात करने वालों की सूची में पत्नी, बेटी, बेटा, निजी सचिव व राज्य सभा सदस्य संदीप पाठक का नाम शामिल है।

मालूम हो कि सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ले जाया गया। जहां ईडी ने आबाकारी नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को “किंगपिन” बताया और अदालत को बताया कि आप नेता ने “गोलमोल जवाब” दिए और जांच से संबंधित जानकारी छिपाई। बता दें कि आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में अभी तिहाड़ जेल में आप नेता मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह बंद हैं।

तीसरी बार तिहाड़ पहुंचे केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल सोमवार को तीसरी बार तिहाड़ जेल पहुंचे। इससे पहले वर्ष 2014 में आप नेता को भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में 10,000 रुपये की जमानत राशि देने से इनकार करने के बाद तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था।

इससे पहले वर्ष 2011 में जब लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे आंदोलन किया था, तब केजरीवाल इस आंदोलन का हिस्सा थे। उस दौरान धारा 144 का उल्लंघन नहीं करने से जुड़े पर्सनल बांड पर साइन न करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेजा गया था।