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सुशील मोदी ने विपक्षी एकता को बताया सत्ता के प्यासे हिरणों की दौड़


पटना। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि जनाधार विहीन नीतीश कुमार परस्पर-विरोधी ताकतों का कुनबा जोड़कर देश को कमजोर सरकारों के दौर में लौटाना चाहते हैं, जबकि आज केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही चीन-पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली सरकार दे सकते हैं।

विपक्षी एकता केवल मृग-मरीचिका

उन्होंने कहा कि देश अब देवगौड़ा और चंद्रशेखर के उस दौर में नहीं लौटना चाहता, जब रिजर्व बैंक को सोना गिरवी रखना पड़ा था। विपक्षी एकता केवल मृग-मरीचिका है।

यह एक झूठे-नकरात्मक लक्ष्य के लिए सत्ता के प्यासे हिरणों की दौड़ के सिवा कुछ नहीं है। विपक्ष दिल्ली में सरकार चाहता है, जिसे हर छोटी-बड़ी पार्टी ब्लैकमेल कर सके और जो सरकार जीएसटी या सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े फैसले न कर सके।

1977 को छोड़कर कभी पूरा विपक्ष एकजुट नहीं हुआ और वह भी तब संभव हुआ, जब उसका नेतृत्व जेपी जैसे महान राजनेता के हाथ में था।

कांग्रेस नीतीश कुमार को पूछती नहीं, खुर्शीद की कोई हैसियत नहीं

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीतीश कुमार को पूछती नहीं। वे सीधे राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे से बात करने के बजाय सलमान खुर्शीद जैसे व्यक्ति के जरिए संदेश दे रहे हैं, जिसकी कांग्रेस में कोई हैसियत नहीं।

उन्होंने कहा कि केरल में एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ने वाली कांग्रेस और माकपा एकसाथ नहीं आ सकते। पंजाब-दिल्ली-हरियाणा में कांग्रेस और केजरीवाल साथ नहीं आ सके। ममता बनर्जी और केसीआर में कोई किसी को नेता नहीं मानता।