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सेबीके जुर्माना लगानेको चेतावनी में बदलनेके सैटके आदेशपर रोक


नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने ट्रेडिंग में धोखाधड़ी के एक मामले में बाजार नियामक सेबी द्वारा जुर्माना लगाने के आदेश को चेतावनी में बदल दिया था। न्यायालय ने यह आदेश भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा सैट के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर दिया। याचिका में यह भी कहा गया कि सैट ने इसी तरह के आदेश कई दूसरे मामलों में भी दिए हैं, जिसके चलते सेबी द्वारा इस अदालत में कई अपील दायर की जा रही हैं। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि धोखाधड़ीपूर्ण और अनुचित व्यापारिक व्यवहार में शामिल होने के कारण लगाए गए जुर्माने को चेतावनी में बदलना वैधानिक प्रावधान के विपरीत है। न्यायालय ने कहा, पहली नजर में, धारा 15एचए के तहत लगाए गए जुर्माने को एक चेतावनी से बदलना, वैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। सेबी अधिनियम की धारा 15एचए में न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना है, जो प्रतिभूति बाजार से संबंधित धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल होने पर 25 करोड़ रुपये तक हो सकता है। अदालत ने कहा, सैट संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर रहा है और वह राज्य द्वारा गठित निकाय है। यहां तक कि अनुच्छेद 226 के तहत भी क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल कानून के अनुरूप किया जाना चाहिए। इसलिए शीर्ष न्यायालय ने सैट के आदेश पर रोक लगा दी।