भक्तों को 18 से पाँच दिन तक होंगे दर्शन, 22 को अन्नकूट पर्व पर दर्शन के बाद बंद होंगे कपाट
आस्था
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ को अन्न-धन की भिक्षा देने वाली मां अन्नपूर्णा अपने भक्तों पर कृपा बरसाएंगी। इस वर्ष भी धनत्रयोदशी से लेकर अन्नकूट तक पांच दिनों तक मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन होंगे। यह शुभ अवसर 18 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर तक चलेगा। खास बात यह है कि इस बार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी और अमावस्या की तिथियां 24 घंटे से अधिक की अवधि तक रहेंगी, जिससे यह दुर्लभ संयोग बना है। लगातार दूसरे वर्ष भक्तों को मां के पांच दिवसीय दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। महंत शंकर पुरी ने बताया कि, मंगल बेला में सुबह तीन बजे से पूजन शुरू होगा और पौने पांच तक शविधि पूजन होगा। आम भक्तों क़े लिये पांच बजे पट खुलेगा। पांच दिनों तक श्रद्धालु माता के स्वर्णमयी विग्रह मां अन्नपूर्णा, मां भूमि देवी, लक्ष्मी और रजत महादेव के दर्शन कर सकेंगे। बताया कि धनतेरस पर इस बार बहुत ही शुभ योग निर्मित हो रहा है। देश में समृद्धि रहेगी और कोष भरा रहेगा। अभिजीत मुहूर्त में भोर में माता का पूजन व आरती के बाद खजाने की पूजा की जाएगी।
उन्होंने कहा आने वाले भक्तों को बांसफाटक कोतवालपुरा गेट न. 1 ढूंढीराज गणेश होते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। अस्थायी सीढ़ियों से भक्त मन्दिर के प्रथम तल पर स्थित स्वर्णमयी माता के परिसर में पहुंचेंगे। प्रथम तल पर गेट पर ही माता का खजाना और लावा वितरण भक्तों में किया जाएगा। भक्त पीछे के रास्ते से राम मंदिर परिसर होते कालिका गली से निकास दिया जाएगा।
सुरक्षा की दृष्टि से वालेंटियर रहेंगे तैनात
मंदिर प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कीं सुरक्षा की दृष्टी से मन्दिर परिसर में दो दर्जन सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेडिकल टीम की व्यवस्था मंदिर प्रांगण में रहेगी। स्वर्णमयी माँ अन्नपूर्णा का पांच दिन का दर्शन प्रतिदिन भोर में 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक होगा वीआईपी समय शाम 5 से 7 रहेगा। वृद्ध और दिव्यांग को भी मिलेगा सुगम दर्शन। इस दौरान प्रमुख रूप से हरिद्वार नीलकंठ से पधारे शिवांनंद गिरी, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्र सिंह राकेश तोमर अभिषेक शर्मा समेत मंदिर परिवार मौजूद रहा।
मुंबई से मंगाया मंत्र अंकित दुपट्टा
त्योहार पर मंदिर आने वाले विशिष्टजनों के स्वागत की भी विशेष तैयारी है। उन्हें खजाने के साथ भेट करने के लिए इस वर्ष मुंबई से खास दुपट्टा मंगाया गया है। पीले रंग के इस दुपट्टे पर गाढ़े भूरे रंग से मां अन्नपूर्णा के पूजन के मंत्र ‘ॐ अन्नपूर्णा देव्ये नमः” अंकित है। वहीं एक बड़े से ब्लाक में अन्नपूर्णा मंत्र लिखा है।
- तिरुपति बालाजी को भेंट करेंगे प्रसाद
मां अन्नपूर्णा दरबार से वितरित होने वाला खजाना और अन्नकूट में लगाया जाने वाला भोग तिरुपति बालाजी को भेट करने की प्राचीन परंपरा का निर्वाह भी होगा। महंत शंकरपुरी 23 अक्तूबर की सुबह विमान से चेन्नई प्रस्थान करेंगे। प्राचीन काल में अन्नपूर्णा मठ-मंदिर के साधक पदयात्रा करते तिरुपति मंदिर जाते थे।