पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने ट्वीट कर कहा- द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति….
याद किए जाएंगे उनके धर्म काज
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा- द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएंगे। उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति…
सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है। उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। सादर श्रद्धांजलि…
सन्यास परम्परा के सूर्य
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे। भारतीय ज्ञान परम्परा में आपके अतुलनीय योगदान को अखिल विश्व अनंत वर्षों तक स्मरण रखेगा। पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के चरणों में अनंत श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं। ॐ शांति…
दिग्विजय सिंह ने बताई बड़ी क्षति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- हमारे पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन की खबर मेरे लिए गहरे आघात जैसी है और बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक तो थे ही, मेरे बहुत बड़े शुभचिंतक भी थे। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ॐ शांति…
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल भी गए
शंकराचार्य (Swami Swaroopanand Saraswati) का जन्म 1924 में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था। उनके माता पिता ने उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। उन्होंने 9 साल की उम्र में ईश्वर की खोज में घर छोड़कर संन्यास का मार्ग अपना लिया। वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल भी गए। वह 1981 में शंकराचार्य बने। हाल ही में उनका 99वां जन्मदिन मनाया गया था। शंकराचार्य का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। वह अपने बेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते थे।