नागपुरमें ओबीसी ने निकाला विशाल मोर्चा
मुंबई (आससे)। दो सितम्बर 2025 को हैदराबाद गजट के अनुरूप मराठों को कुनबी जाति के अंतर्गत ओबीसी प्रमाण पत्र देने सम्बंधी शासनादेश ( जीआर) सरकार की ओर से मराठा समाज का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल को जैसे ही सौंपा गया ओबीसी नेताओं द्वारा विरोध का स्वर गूँजने लगा। ओबीसी समाज नहीं चाहता कि उसको मिले आरक्षण में मराठा समाज को शामिल किया जाय। दो सितम्बर के बाद से ही सरकार द्वारा जारी जीआर का विरोध ओबीसी समाज द्वारा जारी है और इसी क्रम में महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार द्वारा विशाल मोर्चे का आयोजन किया गया जिसमें ओबीसी समाज के विभिन्न घटकों के शामिल होने का दावा किया गया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि जरांगे पाटिल के दबाव में आ कर युति सरकार द्वारा जीआर जारी किया गया है और सरकार इसे जबतक वापस नहीं लेगी, हम चुप बैठनेवाले नहीं हैं।वडेट्टीवार ने सरकार को इशारा देते कहा कि यदि हमारी बात पर गौर नहीं किया गया , तो हम मुंबई, थाणे और पुणे को जाम कर देंगे। हम मराठा समाज के विरोधी नहीं हैं, पर 374 ओबीसी जातियों के विरूद्ध अन्याय को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह सरकार पूरी तरह ओबीसी समाज को समाप्त करनें पर आमादा है। हैदराबाद गजट के अनुसार मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देना कतई उचित नहीं है। दूसरी ओर फडणवीस सरकार के वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल आज अंतरवाली जा कर मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की और खबर है कि दोनों में एकांत वार्ता भी हुई है। विखे पाटिल ही आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलनरत जरांगे को जीआर सौंपकर आंदोलन खत्म कराया था। विखे पाटिल ने कहा कि शरद पवार ने ही मराठों को ओबीसी में प्रवेश नहीं दिया था वर्ना आज समस्या ही शेष नहीं होती। बहरहाल, राज्य में स्थानीय चुनाव का पारा चढ़ा हुआ है और सबको अपने वोट बैंक सवांरने की भी फिक्र है, ऐसे में सभा एवं जुलूस का दौर तो जारी रहेगा ही।
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