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हरियाणा में विधवा पेंशन में खेल, किसी ने पति को दिखाया मृत तो कोई पुनर्विवाह के बाद ले रही पेंशन,खुलासा


 चंडीगढ़। हरियाणा में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकारी योजनाओं को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से जोड़ने के फायदे दिखने लगे हैं। परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर दर्ज डाटा के सत्यापन में 16 हजार विधवाएं ऐसी मिली हैं जो गलत तरीके से पेंशन ले रहीं थीं।

इनमें से किसी ने अपने जीवित पति को मृत बताकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से पेंशन बनवा ली तो किसी ने पति की मौत के बाद दोबारा शादी कर घर बसा लिया, लेकिन पेंशन नहीं कटवाई। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सरकार ने इनकी पेंशन रोक दी है।

हरियाणा में सामाजिक कल्याण योजना के तहत विधवाओं को हर महीने 2500 रुपये पेंशन दी जाती है। फर्जीवाड़े का पर्दाफाश पीपीपी पोर्टल पर दर्ज डाटा से हुआ जिसमें इन महिलाओं ने अपने पति का नाम लिखवाया हुआ है। कालम में विधवाओं के पति के नाम के आगे स्वर्गीय नहीं लिखा होने से मामला पकड़ में आया।

अब सर्वे कर इन महिलाओं का डाटा सत्यापित किया जा रहा है। महीने के अंत तक पात्र महिलाओं की पेंशन बहाल कर दी जाएगी, जबकि दोबारा शादी कर चुकी महिलाओं की पेंशन बंद रहेगी। हालांकि डिफाल्टर महिलाओं से पेंशन राशि की रिकवरी नहीं होगी, बल्कि जब इन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी तब इस राशि को एडजस्ट किया जाएगा। इन महिलाओं का पूरा डाटा सरकार ने अपने पास सुरक्षित रख लिया है।