हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार का शोर थम गया है। अब प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधेंगे। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में पांच बजे से प्रचार बंद होने के साथ मौन अवधि शुरू हो गई। जिला निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि मौन अवस्था के दौरान रेस्ट हाउस, सामुदायिक भवन और होटल आदि की निगरानी रखें। जिससे राजनीतिक पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं और स्टार प्रचारकों के मौजूद होने के संबंध में निगरानी करें। होटल व रेस्ट हाउस में ठहरने वालों की लिस्ट अपने पास रखें और उसमें होने वाले बदलाव को भी जांचें। राज्यसभा व लोकसभा सदस्य अपने संसदीय क्षेत्र व विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में रह सकेंगे, जबकि जो मतदाता नहीं है उन्हें बाहर जाना होगा। चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के तहत राजनीतिक पार्टी के नेता स्वास्थ्य के आधार पर मेडिकल बोर्ड के परामर्श व भारतीय चुनाव आयोग की अनुमति के बाद ही रह सकेंगे। मेडिकल आधार पर जो भी रुकेंगे भी उनके रहने के स्थान के बाहर वीडियो सर्विलांस टीम तैनात रहेगी। वीरवार शाम पांच बजे से मौन अवधि के लागू होने के बाद घर-घर प्रचार अभियान तेज हो गया है। अपनी जीत को पक्का करने के लिए प्रत्याशी और उनके समर्थक कोई मौका नहीं चूकना चाहते, जिससे हार का मुंह न देखना पड़े। हर विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं पर चेक पोस्ट के माध्यम से वाहनों की निगरानी रखने और विशेष रूप से राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं पर नजर रखी जाए जो विधानसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं। समूह में चलने वाले लोगों के पहचान पत्रों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।