रांची/नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) को नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 6 मई को होगी। हाई कोर्ट द्वारा ईडी गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल याचिका पर फैसला सुनाए जाने में देरी को लेकर हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल की गई है।
31 जनवरी को हुई थी पूर्व सीएम की गिरफ्तारी
ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। उन पर रांची के बड़गाई अंचल की 8.86 एकड़ जमीन घोटाले के मामले में धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
अपनी गिरफ्तारी के 75 दिनों बाद यानी कि 16 अप्रैल को हेमंत सोरेन ने जमानत याचिका दायर की थी। फिलहाल वह रांची के होटवार जेल में बंद हैं। हाई कोर्ट ने जब 55 दिन बीत जाने के बाद भी इस पर अपना फैसला नहीं सुनाया, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।
क्या हेमंत सोरेन कर सकेंगे मतदान?
इधर, अगर जमानत नहीं मिली तो पूर्व सीएम लोकसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल सकेंगे क्योंकि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार जेल में प्रिवेंटिव डिटेंशन (निवारक निरोध अधिनियम में गिरफ्तारी ) के तहत किसी भी कैदी या विचाराधीन बंदी को मतदान का अधिकार नहीं है।
बता दें कि निरोधात्मक कार्रवाई के तहत गिरफ्तार हुए कैदी जेल प्रशासन के माध्यम से आवेदन देकर मतदान की सुविधा तो हासिल कर सकते हैं यानि कि जेल से उन्हें चुनाव लड़ने का तो अधिकार है, लेकिन वोट डालने का नहीं है।