- नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली आज 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली ने शानदारी कप्तानी और अपने खुश मिजाज से दुनियाभर में जो पहचान बनाई वह हर किसी के लिए किसी मील के पत्थर से कम नहीं है। क्रिकेट में गांगुली की दादागिरी भी किसी छुपी नहीं, जिन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए बड़े-बड़े कीर्तिमान बनाए।
वो दौर जब भारतीय टीम फिक्सिंग जैसे विवादों में संकट से घिरी हुई थी, जब गांगुली को कप्तानी की जिम्मेदारी मिली। फिर क्या था। उन्होंने भारत को ऐसे-ऐसे खिलाड़ी दिए, जिन्हें आज भी आइडियल माना जाता है। बात चाहें टीम के पूर्व तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की हो या फिर हरभजन, युवराज और आशीष नेहरा की। इन खिलाड़ियों का खोज कर्ता गांगुली को ही माना जाता है। वीरेंद्र सहवाग को तूफानी बल्लेबाज बनाने में गांगुली का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
सहवाग ने साल 1999 में इटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन पहले दो सालों तक वह कोई खास परफॉर्मेंस नहीं कर सके थे। गांगुली ने पहली बार वीरू को जुलाई 2001 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू का मौका दिया, जिसे सहवाग ने अवसर में बदलते हुए 70 गेंदों में 100 जड़ दिए। गांगुली के फैसले को सही साबित किया। गांगुली ने सहवाग के लिए खुद ओपनिंग का त्याग कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद सहवाग टेस्ट टीम में जगह बनाने में नाकाम थे।
नवंबर 2001 में भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना था। उस समय अफ्रीकी टीम में शॉन पोलाक, मखाया एनटिनी, लांस क्लूजनर, नतिनी हेवर्ड और जैक कैलिस जैसे तूफानी गेंदबाज थे। गांगुली इस दौरे पर सहवाग को लेकर जाना चाहते थे लेकिन चयनकर्ता इसके लिए राजी नहीं थे।