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74 वर्षीय आजम खां अब 9 वर्ष तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, 3 साल की सजा होने पर गई विधायकी


लखनऊ, : पिछले लोकसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाये जाने पर समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और रामपुर क्षेत्र से विधायक मोहम्मद आजम खां की विधानसभा सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। आजम को विधानसभा की सदस्यता के लिए निर्हर घोषित किये जाने के चुनाव आयोग का पत्र मिलने के बाद विधान सभा सचिवालय ने इस बारे में देर शाम अधिसूचना जारी कर दी है। आजम की सदस्यता समाप्त होने के साथ ही रामपुर सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। अब चुनाव आयोग रामपुर की रिक्त सीट के उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित करेगा।

नौ साल नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-8 के तहत किसी सांसद या विधायक को दो वर्ष या उससे अधिक के कारावास की सजा होने पर संबंधित सदन में उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। ऐसे मामलों में दोषसिद्ध सांसद/विधायक कारावास पूरा होने के बाद भी छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहता है। इस हिसाब से 74 वर्षीय आजम अगले नौ वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

 

पित्रा-पुत्र की पहली जोड़ी जिनकी सदस्यता हुई समाप्त

न्यायालय से दो वर्ष या अधिक के कारावास की सजा सुनाये जाने पर अठारहवीं विधान सभा में किसी विधायक की सदस्यता समाप्त होने का यह पहला मामला है। गौरतलब है कि सत्रहवीं विधान सभा में रामपुर की स्वार सीट से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए आजम के पुत्र अब्दुल्ला आजम की सदस्यता भी 16 दिसंबर, 2019 को समाप्त कर दी गई थी। उनके चुनाव को शून्य करार देते हुए उनका निर्वाचन रद कर दिया गया था। इस तरह विधानसभा के इतिहास में पिता-पुत्र की सदस्यता निरस्त होने का यह पहला मामला है। अब्दुल्ला अठारहवीं विधान सभा में भी स्वार सीट से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए हैं।

इस पूरे मामले में मिली सजा

गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में रामपुर से सपा प्रत्याशी रहे आजम खां ने जिले के मिलक क्षेत्र में सात अप्रैल 2019 को हुई जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अमर्यादित बयानबाजी की थी। उन्होंने रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को भी अपशब्द कहे थे। आजम खां को गुरुवार को तीन साल की सजा हो जाने के बाद रामपुर के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव विधान सभा को पत्र लिखा था। पत्र के साथ अदालत के आदेश की प्रति भी नत्थी की गई थी।

मुकदमों में फंसा आजम का परिवार

आजम खां के खिलाफ 93 मुकदमे दर्ज हैं, इसंमें एक में सजा हो चुकी है। उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा के खिलाफ 34 मुकदमे चल रहे हैं। उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 46 और बड़े बेटे अदीब आजम के खिलाफ 32 मुकदमे हैं। आजम खां की बहन निखत अफलाक पर भी 30 मुकदमे दर्ज हैं। आजम खां 26 फरवरी, 2020 को पत्नी और बेटे अब्दुल्ला के साथ कोर्ट में हाजिर हुए थे, वहां से तीनों को जेल भेज दिया। उनकी पत्नी 10 माह बाद और बेटे 23 बाद जमानत पर जेल से बाहर आ सके। आजम खां इसी साल 20 मई को सीतापुर जेल से छूटे थे। इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। कई बार अस्पताल जाना पड़ा। दिल की नस ब्लाक होने पर स्टेंट डाला गया।

अब्दुल्ला आजम की बात

आजम खां के बेटे स्वार से विधायक अब्दुल्ला आजम का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा।