(आज समाचार सेवा)
पटना। विप सदस्य मदन मोहन झा द्वारा ध्यानाकर्षण में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूलों में हेडमास्टर की नियुक्ति के लिए 8 साल लगातार सेवा प्रावधान पर सवाल उठाया। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सूबे में 8 साल के अनुभव वाले शिक्षकों की संख्या करीब 14 हजार है। जितने पदों पर हेडमास्टरों की नियुक्ति की जानी है उससे ज्यादा संख्या इन शिक्षकों की है।
अनुभव कम करने का मामला अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। सदस्य श्री झा ने कहा कि प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में आवश्यक संशोधन कर कार्य अनुभव को 6 वर्ष नहीं करने से सभी टीईटी एवं एसटीईटी उतीर्ण योग्य शिक्षक इस प्रतियोगिता परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। राज्य के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर विज्ञान शिक्षकों के लिए बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता नहीं है और प्रशिक्षित शिक्षकों की श्रेणी में रखा गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न संकल्पों व अधिसूचनाओं के मायम से अप्रशिक्षित शिक्षकों को सवैतनिक नियमित व दूरस्थ माध्यमों से एनसीटीई के गाइडलादन के अनुरुप बीएड प्रशिक्षण कराया गया। उच्च माध्यमिक विज्ञान शिक्षक के बीएड के समतुल्य मानते हएु प्रशिक्षित शिक्षक माना गया और प्रशिक्षण से वंचित रखा गया।
श्री झा ने सरकार से मांग किया कि प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली में आवश्यक सुधार करते हुए उच्च माध्यमिक कंप्यूटर विज्ञान शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद के लिए शामिल करें। सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि कंप्यूटर विज्ञान शिक्षक कभी हेडमास्टर नहीं बन सकेंगे।