- अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमलों की बरसी के मौके पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के सदस्यों ने कहा कि वे आतंकवाद के सभी रूपों को रोकने और उसका मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर आज भी उतने ही एकजुट हैं जितने दो दशक पहले थे। वहीं, भारत ने कहा कि 9/11 स्मारक हमें आतंकवाद से लड़ने और इसे सही ठहराने के सभी प्रयासों का खंडन करने के सामूहिक संकल्प की याद दिलाता है। पंद्रह सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद ने हमलों की 20वीं बरसी पर गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी किया, जिसमें याद किया गया कि परिषद ने दो दशक पहले हुए भयानक आतंकवादी हमलों की तुरंत निंदा की थी। प्रेस बयान में कहा गया कि आज, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने न्यूयॉर्क शहर में 11 सितंबर को हुए हमले के स्मारक और संग्रहालय की यात्रा के जरिए वर्षगांठ को चिह्नित किया।
आतंकवाद के सभी रूपों के रोकने और उसका मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता के मामले में सुरक्षा परिषद के सदस्य आज भी उतने ही एकजुट हैं, जितने 20 साल पहले थे। सुरक्षा परिषद के 15 देशों के स्थायी प्रतिनिधियों ने 9 सितंबर को 9/11 स्मारक और संग्रहालय का दौरा किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि 9/11 आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर न्यूयॉर्क के ग्राउंड जीरो में उपस्थित होना वास्तव में एक रोमांचक अनुभव था। मैंने शहीद हुए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनमें कई भारतीय भी शामिल हैं।
तिरुमूर्ति ने कहा कि, दुनिया को आतंकियों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की जरूरत है। यहां बात आपके आतंकवादी और मेरे आतंकवादी या बुरे आतंकवादी और अच्छे आतंकवादी की नहीं हैं, इसके खिलाफ एक साथ आवाज उठाना है। तिरुमूर्ति ने कहा कि स्मारक हमें आतंकवाद से लड़ने और इसे सही ठहराने के सभी प्रयासों का खंडन करने के सामूहिक संकल्प की याद दिलाता है। सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने आतंकी हमलों में मारे गए 90 से अधिक देशों के 2,977 लोगों के सम्मान में स्मारक पर माल्यार्पण किया।