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आसाराम को उम्रकैद की सजा, 2013 में दो बहनों ने दर्ज कराया था दुष्कर्म का केस


गांधीनगर, गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम बापू को 2013 के एक दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को आसाराम बापू को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया था। आज कोर्ट ने इस मामले में सजा का एलान किया। बता दें कि आसाराम पर दो बहनों ने साल 2013 में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था।

 

कोर्ट ने किया सजा का एलान

इससे पहले विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास और भारी जुर्माना लगाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था हमने कोर्ट से अपील की है कि पीड़िता को मुआवजा दिया जाना चाहिए। फिलहाल कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को 50 हजार का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ दर्ज किया था मुकदमा

विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर के अनुसार, पीड़िता ने सूरत पुलिस में मामला दर्ज कराया था, जिसे 2013 में अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था। चांदखेड़ा थाना पुलिस ने आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं सहित 8 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

जोधपुर जेल में बंद है आसाराम बापू

बता दें कि आसाराम बापू वर्तमान में जोधपुर जेल में है। वहीं, सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ दुष्कर्म किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।