नई दिल्ली। जून, 2022 में जर्मनी में होने वाली समूह-7 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हिस्सा लेने की पूरी संभावना है। जर्मनी की तरफ से भारतीय पीएम को अभी आधिकारिक तौर पर आमंत्रण नहीं दिया गया है लेकिन दोनों देशों के बीच पीएम मोदी की इस बैठक में जाने को लेकर आरंभिक बातचीत हुई है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इस बैठक की काफी अहमियत है जिसमें जर्मनी के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जापान, कनाडा और इटली के राष्ट्र प्रमुख हिस्सा लेंगे। जर्मनी की तरफ से अफ्रीका और एशिया के कुछ दूसरे देशों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया जा रहा है।
सूत्रों ने इन अफवाहों को खारिज किया है कि यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर भारत के रवैये को देखते हुए जर्मनी भारतीय पीएम को आमंत्रित करने से परहेज कर सकता है। किसी भी देश को जर्मनी ने आधिकारिक तौर पर अभी आमंत्रित नहीं किया है। वर्ष 2019 के बाद से भारत को जी-सात की हर बैठक में आमंत्रित किया गया है। अमेरिका में हुई वर्ष 2020 की बैठक में और वर्ष 2021 में ब्रिटेन में हुई बैठक के लिए भी पीएम मोदी को आमंत्रित किया गया था।
हालांकि कोरोना महामारी की वजह से इन दोनों बैठकों में मोदी ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया था। सूत्रों ने कहा है कि यूक्रेन-रूस को लेकर भारत की नीतियों पर सबसे ज्यादा आवाज अमेरिका से उठी है फिर भी दोनों देशों के प्रमुखों की बैठक हुई है। दूसरी तरफ जर्मनी और भारत के अधिकारियों के बीच लगातार बात हो रही है कि मोदी और जर्मनी के नए चांसलर ओलाफ सोल्ज की द्विपक्षीय बैठक कब हो। जून, 2022 में जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने जब मोदी जर्मनी जाएंगे तब दोनों देशों की अंतर-मंत्रालयी वार्ता भी होगी।