नई दिल्ली, महाराष्ट्र में जारी सियासी जंग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मामले में सुनवाई जारी है। बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पादरीवाला की बेंच सुनवाई कर रही है। शिंदे ने अर्जी में कहा है कि उद्धव सरकार ने बहुमत खो दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बागी विधायक पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर वकील ने कहा कि मामला गंभीर था, इसलिए सीधा यहीं का रुख किया गया। शिंदे के वकील ने कहा कि आर्टिकल 32 में याचिका दाखिल कर सकते हैं। हमारे साथ पार्टी शिवसेना 39 विधायक है। हमें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। घर और दूसरी संपति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि बागी विधायकों ने दो अर्जी दी हैं। पहला उन्होंने जान को खतरा बताया है। दूसरा डिप्टी स्पीकर की तरफ से उनको कम वक्त दिया गया है, ऐसा कहा गया है। शिंदे गुट ने कहा कि स्पीकर को उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 14 दिनों का वक्त देना चाहिए था। लेकिन डिप्टी स्पीकर जल्दबाजी में दिखाई पड़ रहे हैं। जब विधायकों के वकील नीरज किशन कौल ने यह कहा कि डिप्टी स्पीकर जल्दबाजी में दिखाई पड़ रहे हैं, तब कोर्ट ने कहा कि विधायकों ने पहले डिप्टी स्पीकर से ही बात क्यों नहीं की।
वहीं महाराष्ट्र में सड़कों पर भी शिवसैनिकों और शिंदे समर्थकों की जंग देखने को मिल रही है। ठाणे में आज बड़ी संख्या में शिंदे समर्थक सड़क पर उतरे और शिवसेना से बागी हुए नेताओं में समर्थन में प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ मीटिंग्स का दौर भी जारी है। दोपहर में एकनाथ शिंदे बागी विधायकों संग बैठक करेंगे।
MVA सरकार से हमने समर्थन वापस लिया: शिंदे
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एकनाथ शिंदे ने कहा कि महा विकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर साधा उद्धव पर निशाना
इससे पहले एकनाथ शिंदे ने फिर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि क्या आपको सरकार में छगन भुजबल के साथ बैठने में पीड़ा नहीं होती? जिस शख्स ने हिंदुहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे को कैद किया था। यह सवाल पूर्व विधायक सुभाष सबने ने सीएम और शिव सेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने पूछा। सबने को विधानसभा में यह सवाल पूछने पर सस्पेंड कर दिया गया था।
शिदें गुट के विधायक सुप्रीम कोर्ट क्यों गए
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने एक नोटिस जारी कर शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इस नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट के विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। बागी विधायकों का तर्क है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। यह जानने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया।