News TOP STORIES अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय

Sri Lanka : प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे बोले- श्रीलंका को सर्वदलीय सरकार की जरूरत, संविधान से ही चलेगा देश


कोलंबो, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को कहा कि मैं यहां संविधान की रक्षा करने के लिए हूं। मैं संविधान की रक्षा करूंगा। सरकार को संवैधानिक ढांचे के भीतर काम करना चाहिए। कोई भी इससे आगे नहीं जा सकता या संसद को निर्देश नहीं दे सकता है। लोगों को भी सुना जाना जरूरी है लेकिन काम संविधान के अनुसार ही करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने एक विशेष बयान में कहा कि श्रीलंका को एक सर्वदलीय सरकार की जरूरत है। हमें इसके लिए काम करना होगा।

रानिल विक्रमसिंघे ने अपने निजी आवास पर हुए हमले पर अफसोस जताया। उन्‍होंने कहा- मैं उस दोपहर कुछ बैठकों के बाद घर पर ही था तभी पुलिस ने मुझे अपना निजी आवास छोड़ने की सलाह दी। पुलिस ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी मेरे घर से गुजर रहे हैं। पुलिस की सलाह पर मैंने पत्नी के साथ अपना आवास छोड़ दिया। मेरे आवास को जला दिया गया जिससे मेरे मूल्यवान सामान नष्‍ट हो गए हैं। इनमें वे किताबें शामिल हैं जो श्रीलंका में पुर्तगाली और डच युग में लिखी गई थीं। एक को छोड़कर ये सभी किताबें जला दी गई हैं।

रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि इस आगजनी में मैंने अंग्रेजों की कुछ मूल्यवान पेंटिंग भी खो दिया है। इसमें राजा विमलाधरसूर्या की डच राजदूत से मुलाकात की एक पेंटिंग भी शामिल थी।

इस बीच रविवार देर शाम श्रीलंका के इंटरनेट मीडिया के अलावा कुछ दूसरे समाचार मीडिया में काफी तेजी से यह अफवाह फैली थी कि भारत जल्द ही अपनी सेना श्रीलंका के लिए रवाना करेगा। सतर्क भारत ने तत्काल स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह ऐसा कुछ नहीं कर रहा है। सोमवार को कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि श्रीलंका के मीडिया और इंटरनेट मीडिया में आई भारतीय सेना को भेजने संबंधी अफवाहों का हम खंडन करते हैं।

भारतीय उच्चायोग ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट या विचार भारत सरकार की नीतियों के मुताबिक नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ है जो लोकतांत्रिक माध्यम, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक फ्रेमवर्क के जरिये समृद्धि और प्रगति से जुड़े अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

यह पहला मौका नहीं है जब भारत को इस तरह के बयान जारी करने पड़े हैं। मई में भी जब कोलंबो में आम जनता सड़कों पर निकल आई थी तब वहां की कुछ इंटरनेट साइटों पर यह सूचना दी गई थी कि भारत से रातों-रात सेना पहुंचने वाली है। तब भी भारत ने इसे कोरी अटकल बताते हुए खारिज किया था।