केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस पर लगातार नजर रख रहा है। इसी बीच, स्वास्थ्य-परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपाक्स को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से निगरानी बढ़ाने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों में बताया गया है कि क्या-क्या कदम उठाने चाहिए।
- बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए
- त्वचा या जननांग घावों वाले लोगों के साथ निकट संपर्क ना रखें
- मृत या जीवित जानवरों के साथ संपर्क में ना रहें। साथ ही चूहे, गिलहरी और बंदरों के साथ भी संपर्क ना रखें
- मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए
- अफ्रीका के जंगली जानवरों से बनाए गए उत्पादों (क्रीम, लोशन, पाउडर) का उपयोग ना करें
- बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री (जैसे कपड़े, बिस्तर, या स्वास्थ्य देखभाल उपयोग किया जाने वाला सामान) या संक्रमित जानवरों के संपर्क में ना आएं
केरल में सामने आया पहला मामला
बता दें कि केरल के कोल्लम जिले में मंकीपाक्स का मामला पाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च-स्तरीय टीम भेजी है।
इस टीम में केरल जाने वाली केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) से जुड़े डाक्टर और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय के विशेषज्ञ शामिल हैं।