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बातचीत से भारत-चीन को हल करने होंगे विवाद , सैन्य ताकत का इस्तेमाल हुआ पुराना : दलाई लामा


जम्मू, : बौद्घ धर्म गुरू दलाई लामा ने कहा है विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों, भारत व चीन को अपने विवाद बातचीत से हल करने होंगे। आज के दाैर में इसके लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल करना मायने नही रखता है।

शुक्रवार सुबह लद्दाख रवाना होने से पहले जम्मू में मीडिया से बातचीत करते हुए दलाई लामा लामा ने कहा कि पड़ौसी देशों में शांति होना बहुत जरूरी है। इससे पहले उन्होंने जम्मू में शिक्षा ग्रहण कर रहे डेढ़ सौ के करीब युवाओं को शहर के नरवाल स्थित होटल संबोधित करते हुए कहा कि इस समय विश्व में शांति व भाइचारे की सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने जातिवाद को छाेटी सोच वालों की उपज करार देते हुए कहा कि सब बराबर हैं। इस दौरान उन्होंने रंगभेद को लेकर महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में अहिंसा का संदेश फैलाने की भी सराहना की।

दलाई लामा ने कहा कि आज चीन के निवासी समझ चुके हैं कि तिब्बती बुद्धिस्म विज्ञाण पर आधारित धर्म है। चीन के कुछ कट्टरपंथी ही उन्हें अलगाववादी मानते हैं। आम लोग सच को समझते हैं।

इसी बीच उन्होंने लद्दाखी युवाओं को कुछ मंत्र भी सिखाएं। ऐसा करते हुए उन्होंने युवाओं से ये मंत्र बुलवाने के साथ उन्हें कहा कि अगर वे सौ बार यह मंत्र पढ़ते हैं तो इससे शारीरिक व मानसिक रूपे से मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि मैं, मेरा की जगह अगर हम, हमारा शब्दों का इस्तेमाल किया जाए तो इससे एकजुटता आती है। इस दौरान उन्होंने संदेश दिया कि कोरोना को लेकर वे सतर्क रहें। कोरोना ने समाज को बहुत कुछ सिखाया है।

इसके बाद दलाई लामा ने जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह, जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर रमेश कुमार व प्रदेश प्रशासन के अन्य कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी अपना आर्शीवाद दिया। इसके बाद वे सुबह सवा दस बजे के करीब जम्मू एयरपोर्ट से लेह के लिए रवाना हो गए। दलाई लामा अपने लद्दाख दौरे के दौरान करीब एक महीने तक लेह में रहेंगे। लेह में उनके जोरदार स्वागत की तैयारी की गई है।