बीजिंग अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से गुस्साए चीन ने उनपर बैन लगा दिया है। ये बैन केवल उन तक ही सीमित नहीं है बल्कि उनके परिवार के सभी सदस्य भी इसमें शामिल किए गए हैं। ताइवान दौरे के बाद चीन की तरफ से अमेरिका के खिलाफ उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम है। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि नैंसी पेलोसी और उनके साथियों ने ताइवान का दौरा कर चीन को न तो गंभीरता से लिया न ही उसका सम्मान किया।
इसमें विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका ने ऐसा कदम उठाकर चीन के अंदरुणी मामले में दखल देने का काम किया है। ऐसा करके अमेरिका ने चीन की एकता और संप्रभुता को भी चुनौती दी है। इसके अलावा अमेरिका ने चीन की वन चाइना पालिसी को भी दरकिनार किया है। इसकी वजह से ताइवान स्ट्रेट समेत पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हुआ है।
बता दें कि नैंसी पेलोसी अमेरिका की तीसरे नंबर की शीर्ष अधिकारी हैं। करीब 25 वर्ष बाद ताइवान का दौरा करने वाली वो अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली स्पीकर भी हैं। उनसे पहले वर्ष 1997 में न्यूट गिंग्रिच ने ताइवान का दौरान किया था। नैंसी के इस दौरे से गुस्साए चीन ने 4 अगस्त से ताइवान के चारों तरफ लाइव फायर ड्रिल शुरू की है, जो 7 अगस्त तक चलेगी। इतना ही नहीं चीन ने ताइवान को डराने के मकसद से ताइवान के जल क्षेत्र में बैलेस्टिक मिसाइल भी दागी हैं। चीन ने जापान के इकनामिक जोन में भी 5 मिसाइलें दागी हैं।
चीन द्वारा की जा रही इस लाइव फायर ड्रिल को यूरोपीय देशों ने गलत बताया है। इससे चीन और बौखला गया है। चीन ने यूरोपीय देशों के ताइवान को लेकर दिए संयुक्त बयान के बाद इन देशों के राजदूतों को तलब कर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। अमेरिका ने चीन के इस कदम की कड़ी आलोचना की है।