कोलकाता। West Bengal SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को देखकर जेल में कैदियों ने चोर चोर के नारे लगाए तथा खूब गाली-गलौज की। उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) को लेकर भी भद्दी फब्तियां कसी। मगर पार्थ ने इन्हें अनसुना कर दिया।
पार्थ को देख अर्पिता पर भी कैदियों ने की टिप्पणी
सूत्रों के मुताबिक, पार्थ चटर्जी को प्रेसीडेंसी जेल में साथी कैदियों के साथ दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है। रविवार सुबह प्रकोष्ठ के बाहर तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता मां काली के चित्र पर फूल चढ़ाने गए थे। जैसे ही वह अपनी कोठरी से बाहर आए अन्य कैदी ‘चोर चोर’ के नारे लगाने लगे। वे उन्हें तरह-तरह के अपशब्द कहने लगे। कुछ कैदियों ने मुंह में उंगलियां डालकर सीटी बजानी शुरू कर दी। कुछ कहने लगे ‘देख केमन लागे’ (देख कैसा लगता है)। लेकिन पार्थ ने इन बातों को अनसुना कर दिया और सीधे अपने सेल की तरफ चल दिए। फिर शाम को जब कैदियों की गिनती की जा रही थी और कोठरी में प्रवेश किया जा रहा था, तो कुछ कैदी उन पर तरह-तरह के भद्दे इशारे करने लगे। अर्पिता मुखर्जी के नाम पर भद्दी फब्तियां भी कसने लगे। हालांकि पूर्व शिक्षा मंत्री उन कठोर टिप्पणियों को सुनकर प्रकोष्ठ में चले गए।
कमोड पर बैठकर रात गुजारी
जेल सूत्रों के मुताबिक, पार्थ चटर्जी वजन ज्यादा होने के कारण शुक्रवार रात फर्श पर बैठे थे। उनकी कोठरी में कोई चारपाई नहीं थी। एक कुर्सी भी नहीं थी, लेकिन कोठरी के शौचालय में एक कमोड था। इसलिए पूर्व मंत्री को पूरी रात उसी कमोड पर बैठकर गुजारनी पड़ी। फिर सुबह उन्होंने जेल अधिकारियों से बिस्तर के लिए गुहार लगाई। उनके अनुरोध पर एक चारपाई दे दी गई। उन्हें तीन कंबल भी दिए गए हैं। बेहाला पश्चिम के विधायक तकिए के रूप में अपने सिर के नीचे तीन कंबल मोड़कर सो गए। सुबह ईडी की ओर से पार्थ को कुछ अखबार और मैगजीन दिए गए। लेकिन पहले पन्ने पर उनके खिलाफ छपी रिपोर्ट को देखकर उन्होंने नजरें फेर लीं। बताया जा रहा है कि जेल में पार्थ के पांव फूल गए हैं। उनका वजन भी तीन किलो घट गया है।
फिलहाल विधायक पद नहीं छोड़ेंगे पार्थ
विधायक पद छोडऩे की अटकलों के बीच पार्थ की वकील सुकन्या बिस्वास ने कहा है कि चटर्जी अभी विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। वह विधायक बने रहना चाहते हैं। उन्हें पार्टी नेतृत्व पर पर्याप्त भरोसा है। इसके पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान पार्थ के वकील ने कहा था कि अगर उनके मुवक्किल को जमानत दे दी जाती है तो वह विधायक पद से इस्तीफा देने पर विचार कर सकते हैं।