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राहुल गांधी करेंगे कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा का नेतृत्व, 7 सितंबर से शुरू होगी 3500 किमी की यात्रा


नई दिल्ली। जनता से जुड़ाव और संवाद के टूटे तार को बहाल करने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को अगले सात सितंबर से शुरू करने का ऐलान किया है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक की करीब 3500 किलोमीटर की इस यात्रा को कांग्रेस ने समय से करीब महीने भर पहले शुरू करने का फैसला किया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे और पार्टी के तमाम नेता व कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे। कांग्रेस के उदयपुर नवसंकल्प चिंतन शिविर में जनता के साथ टूटे संवाद को जोड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो अक्टूबर से कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकालने की घोषणा की थी।

150 दिनों में पूरी होगी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा

हालांकि, पिछले महीने इस यात्रा के लिए वरिष्ठ पार्टी नेता दिग्विजय सिंह की अगुवाई में गठित समन्वय समिति ने राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण करने के बाद यात्रा को पहले शुरू करने का सुझाव दिया। इसके अनुरूप ही अब पार्टी ने सात सितंबर से कन्याकुमारी से पदयात्रा निकालने का ऐलान किया है। जयराम रमेश ने इस पदयात्रा का कार्यक्रम घोषित करते हुए कहा कि यह पूरी यात्रा पदयात्रा के रूप में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर निकलेगी। राहुल गांधी और पार्टी के नेता-कार्यकर्ता 3,500 किमी की दूरी तय करते हुए लगभग 150 दिनों में इस पदयात्रा को पूरा करेंगे।

दूसरी विपक्षी पार्टियों को पदयात्रा में शामिल होने का आमंत्रण

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उन सभी से इस ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल होने की अपील करती है, जो भय, कट्टरता और पूर्वाग्रह की राजनीति तथा आजीविका विनाशक अर्थशास्त्र, बढ़ती बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई से परेशान होकर मौजूदा परिस्थितयों को बदलने के प्रयास का हिस्सा बनना चाहते हैं। पार्टी ने पहले ही समान विचारधारा वाली दूसरी विपक्षी पार्टियों को इस पदयात्रा में शामिल होने का आमंत्रण दिया था। इस पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं की यात्रा रूट के सभी बड़े शहरों, जिलों और कस्बों में सभाएं और रैलियां भी होंगी। 2024 के राजनीतिक संग्राम के लिए पार्टी संगठन को दुरूस्त करने और जनता से जुड़ाव के प्रयास के साथ भाजपा की मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जन जागरूकता कांग्रेस की इस पदयात्रा का सियासी लक्ष्य है।