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बिहार के शहरी निकायों में आरक्षण रोस्‍टर इसी महीने होगा क्‍लीयर, पिछड़ा वर्ग का भी कोटा तय


पटना। राज्य निर्वाचन आयोग ने पुरानी आरक्षण व्यवस्था के तहत वार्ड पार्षद के पदों पर नगर निकाय चुनाव के लिए छह चरणों में 38 जिलों को बांट कर आरक्षण संबंधित अनुमोदन देने का खाका भी खींच दिया है। इसी आधार पर जिलों को तय तारीख के तहत प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया है। 25 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक सभी जिलों के आरक्षण रोस्टर को मंजूरी दी जाएगी। इसमें 11 नगर निगम, 59 नगर परिषद, 112 नगर पंचायत शामिल हैं। 

महापौर और उप महापौर पद का अलग से आरक्षण तय होगा। आयोग के सचिव मुकेश सिन्हा ने इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी कर दिया है। सचिव ने ने स्पष्ट निर्देश दिया है  कि प्रस्ताव पर जिला निर्वाचन अ​धिकारी के हस्ताक्षर के बगैर किसी भी सूरत में प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जाएगी। सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को तय कार्यक्रम के तहत प्रस्ताव भेजने व अनुदान कराने का निर्देश दिया गया है।

पहले चरण में 25 अगस्त को सात जिलों से आयोग ने प्रस्ताव तलब किया है। इसमें ​शिवहर, किशनगंज, अरवल, जमुई, बांका, भोजपुर और गोपालगंज है। दूसरे चरण में 26 अगस्त को लखीसराय, जहानाबाद, औरंगाबाद, सुपौल अररिया, कैमूर और सारण जिले के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। तीसरे चरण में 27 अगस्त को पूर्वी चंपारण, मधुबनी, प​श्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधेपुरा और बक्सर जिले के आरक्षण प्रस्ताव पर आयोग की मुहर लगेगी।

चौथे चरण में 29 अगस्त को  मुंगेर, शेखपुरा, नवादा, कटिहार, वैशाली और पटना जिले के प्रस्ताव को आयोग मंजूर करेगा। पांचवें चरण में 30 अगस्त को बेगूसराय, सहरसा, रोहतास, भागलपुर, सिवान और समस्तीपुर जिले के आरक्षण रोस्टर पर आयोग की मुहर लगेगी। छठे चरण में 31 अगस्त को खगडि़या, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पू​र्णिया और नालंदा जिले के प्रस्ताव को आयोग स्वीकृत करेगा।

50 प्रतिशत से अ​धिक नहीं मिलेगा आरक्षण

आयोग ने दो टूक कहा है कि सभी आर​क्षित श्रेणी को मिलाकर 50 प्रतिशत से अ​धिक आरक्षण नहीं मिलेगा। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़े वर्ग को शामिल किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के बाद कुल पदों के 20 प्रतिशत पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलेगा। हालांकि पिछड़े वर्ग के लिए यह कम भी हो सकता है।