उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति जे. बी. पारडीवाला जेईई मेन 2022 के अतिरिक्त सत्र के आयोजन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी थी। वेबसाइट लाइवलॉ के अनुसार इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा को लेकर विभिन्न उम्मीदवारों द्वारा कुल चार याचिकाएं दायर की गई थीं। ये याचिकाएं एस. हेमवती व अन्य वर्सेस एनटीए व अन्य, इशिका शरद गजभिये व अन्य वर्सेस एनटीए, श्रृष्टि श्रीवास्तव वर्सेस एनटीए व अन्य और निमेश कुमार वर्सेस भारत सरकार हैं, जो कि अधिवक्ताओं सुमानाथ कूकाला, वंशजा शुक्ला और शशांक सिंह के माध्यम से दायर की गई थीं।
जेईई मेन 2022 के अतिरिक्त मांग वाली याचिका में याचिकाकर्ता उम्मीदवारों ने पहले दो सेशन सत्रों के दौरान हुई कई तकनीकी खामियों का हवाला दिया है:-
- परीक्षा की शुरूआत में प्रश्न स्क्रीन पर उपलब्ध नहीं थी और वे बीच-बीच में आत-जाते रहे।
- अगले प्रश्न पर जाने का विकल्प बीच-बीच में काम करना बंद करता रहा।
- कई बार ब्लैंक स्क्रीन, फ्रोजेन स्क्रीन और सॉफ्टवेयर क्रैश की समस्याएं आती रहीं।
- परीक्षक इन खामियों का हल देने में असमर्थ रहे और इसके बाद नई-नई समस्याएं आती रहीं।
- अंतिम परिणामों में मिले अंकों और मार्क किए गए उत्तरों में असमानताए पाई गईं।
बता दें कि एनटीए द्वारा आयोजित जेईई मेन 2022 परीक्षा के दोनो सेशन में कुल 10 लाख से अधिक उम्मीदवार सम्मिलित हुए थे। पहले दोनो सेशन के नतीजों की घोषणा की जा चुकी है और निर्धारित शीर्ष रैंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के लिए आइआइटी दाखिले हेतु जेईई एडवांस 2022 परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन भी समाप्त हो चुके हैं और परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त 2022 को किया जाना है।