ताइवान ने केवल इन्हीं दो हथियारों की खरीद के लिए सेना को धन आवंटित नहीं किया है, बल्कि इसमें पहले से अधिक M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम लान्चर और 84 ATACMS को अमेरिका से खरीदने का भी प्रपोजल बजट में दिया है। पहले ताइवान M109A6 Paladin Self-Propelled Howitzers को खरीदने पर विचार कर रहा था। आपको बता दें कि अमेरिका ने यूक्रेन को भी HIMARS की सप्लाई की है। रूस से मुकाबले में इनका अच्छा रिजल्ट सामने आ रहा है। बजट में दिए इन प्रपोजल्स पर अब सदन में बहस होगी और फिर इनको पास किया जा सकेगा।
इस बजट प्रपोजल में ताइवान ने चीन के खतरे को देखते हुए लान्ग रेंज गाइडेड मिसाइल सिस्टम और 300 किमी की दूरी तक मार करने वाले HIMARS राकेट सिस्टम की भी संख्या में इजाफा किया है। HIMARS का इस्तेमाल पिछले वर्ष मोरक्को में सैन्य अभ्यास के दौरान भी किया गया था। ताइवान का इस बार का पूरा बजट करीब TN$ (Taiwan New Dollar) 32.5 अरब डालर का है। यदि ताइवान समय पर बजट प्रपोजल को मंजूरी दे देता है और इसके आर्डर कर दिए जाते हैं तो HIMARS के पहले बैच के 11 राकेट सिस्टम ताइवान को वर्ष 2024 तक हासिल भी हो जाएंगे। सेना की तरफ से इस बजट प्रपोजल में दिए गए हथियारों की खरीद पर कहा गया है कि यदि ये उन्हें हासिल हो जाते हैं तो दुश्मन को अपनी धरती से दूर रखना काफी आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं वो जल्दी मदद भी हासिल नहीं कर सकेगा।
HIMARS को लेकर मन बना रही सेना ने अब 40 Paladins की खरीद करने से इनकार कर दिया है। इसको लेकर ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा सुरक्षा ने मई में फैसला लिया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अमेरिका ने इसको समय पर डिलीवर न करने की बात कही थी। अमेरिका का कहना है कि वो इतनी संख्या में इनका उत्पादन कर पाने में समर्थ नहीं है। अमेरिका ने ही इनकी जगह HIMARS की खरीद का प्रपोजल ताइवान को दिया था।
ताइवान ने अगले वर्ष के रक्षा बजट को करीब 14 फीसद तक बढ़ाने की बात भी कही है। इस बार ताइवान का रक्षा बजट NT(ताइवान न्यू डालर) $70 अरब का है। इस पैसे का इस्तेमाल ताइवान जहाज, वारप्लेन बनाने रिजर्व फोर्स की संख्या बढ़ाने, हथियारों को बनाने और खरीद करने के लिए करेगा। इस बीच ताइवान अमेरिका के बीच NT$21.7 अरब की एक डील भी साइन हुई है। ये डील MQ-9B SeaGuardian एरियल ड्रोन्स, कंट्रोल स्टेशन और इसके सपोर्ट सिस्टम को लेकर हुई है। इसकी डिलीवरी 2025 में की जाएगी।