केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया
- केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर, शाम को अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विजय चौक से इंडिया गेट तक पूरे खंड का उद्घाटन करेंगे।
- उन्होंने बताया कि यह खंड 20 महीने बाद जनता के लिए खुल जाएगा। उद्घाटन के दिन, आगंतुकों को इंडिया गेट से मान सिंह रोड तक जाने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन वे शेष भाग का उपयोग कर सकते हैं। वहीं 9 सितंबर से पूरे खंड को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
सीपीडब्ल्यूडी ने पांच वेंडिंग जोन किए स्थापित
परियोजना की एक कार्यकारी एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी ने पांच वेंडिंग जोन स्थापित किए हैं, जहां प्रत्येक को 40 विक्रेताओं को अनुमति दी जाएगी और योजना के अनुसार, उन्हें उद्यान क्षेत्र में आगंतुकों को अपना सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंडिया गेट के पास दो ब्लॉक होंगे और प्रत्येक ब्लॉक में आठ दुकानें होंगी, जिसके लिए कुछ राज्यों ने अपने फूड स्टॉल लगाने में रुचि दिखाई है। अधिकारी ने कहा, ‘आइसक्रीम गाड़ियों को केवल वेंडिंग जोन में ही अनुमति दी जाएगी। हालांकि हमने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन आइसक्रीम ट्रॉलियों को सड़कों पर जाने की अनुमति नहीं है।’
अधिकारी ने बताए व्यवस्थाएं
अधिकारी ने कहा कि यह पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों और सुरक्षा गार्डों की भारी तैनाती होगी कि कोई चोरी न हो और नई स्थापित सुविधाओं को नुकसान न पहुंचे। करीब 80 सुरक्षा गार्ड इस मार्ग पर नजर रखेंगे।
उन्होंने कहा कि कुल नहर क्षेत्र की 19 एकड़ भूमि का पुर्नोत्थान किया गया है। उन्हें एयररेटर जैसे बुनियादी ढांचे से सुसज्जित किया गया है। पूरे खंड पर 16 पुल हैं। दो नहरों में नौका विहार की अनुमति होगी – एक कृषि भवन के पास और दूसरी वनज्या भवन के आसपास।
अधिकारी ने आगे कहा कि साफ-सफाई बनाए रखना एक चुनौती होगी क्योंकि बड़ी संख्या में लोग राजपथ पर आएंगे, जिसे शहर का सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक स्थान माना जाता है। अधिकारी ने बताया, ‘हमने लोगों से स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। सफाई कर्मियों की बड़ी टीमें तैनात की जाएंगी।’
राजपथ के साथ-साथ 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैले क्षेत्र को चारों ओर से हरियाली के साथ विकसित किया गया है। इसके अलावा, 15.5 किमी तक फैले नए लाल ग्रेनाइट पैदल मार्ग बनाए गए हैं, जो बजरी रेत की जगह ले रहे हैं, जो पहले जमीन पर थे।