उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है। इन बढ़ती कीमतों के कारण लोग पीड़ित हैं। अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है। आप जिस भी आंकड़े को छिपाने की कोशिश कर सकते हैं, आप उसे करने में असमर्थ हैं। इसके लिए एक नीति-उन्मुख विकल्प होना चाहिए। नीतीश कुमार का दिल्ली आना और विभिन्न दलों के नेताओं से मिलना उस दिशा में एक कदम है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व-उन्मुख राजनीति हमेशा सफल नहीं रही है। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि 1977 में इंदिरा गांधी के अपदस्थ होने पर विपक्ष के पास चेहरा कौन था?
मनोज झा ने पूछा, 2004 में अटलजी के सामने कौन था चेहरा
मनोज झा ने सवाल करते हुए कहा, ‘1989 में कौन सा चेहरा था? 2004 में अटलजी के सामने कौन चेहरा था? अगर चेहरा है, तो व्यक्ति केंद्रित राजनीति होगी। हमें लोकतंत्र को सामूहिकता में ले जाने की जरूरत है। विपक्ष के चेहरे के लिए यह कोई भी हो सकता है।’
दिल्ली दौरे में नीतीश कुमार ने कई बड़े नेताओं से की मुलाकात
बता दें कि नीतीश कुमार ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात थी। इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है। इसके साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल के नेता ओम प्रकाश चौटाला से भी नीतीश कुमार मुलाकात कर चुके हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी बिहार का दौरा किया और विपक्षी एकता के प्रयासों के तहत नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोड़कर बिहार में राजद के साथ सरकार बनाई है।