पटना

पटना: शराबबंदी को लागू रखने के लिए सचेत रहें जीविका दीदी


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों से कहा है कि आप सबका यह दायित्व है कि शराबबंदी को लागू रखने के लिए पूरी तरह से सजग एवं सचेत रहें।

जीविका दीदियों को बिहार दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके नाम चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि ‘…महिलाएं हमारी आधी आबादी हैं, उनकी जब तक सभी क्षेत्रों में हिस्सेदारी नहीं होगी, तब तक बिहार और देश की प्रगति नहीं हो सकती। इस बात को ध्यान में रख कर हमलोगों ने पिछले डेढ़ दशकों में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के लिए अनेक काम किये। 2006 में जीविका की शुरुआत की थी। उसी दिन तय किया था कि बिहार में 10 लाख जीविका समूहों का गठन हो।

आज बिहार में 10 लाख से अधिक जीविका समूहों से करीब 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। आपके लिए यह गौरव की बात है कि बिहार की जीविका दीदियों के काम से प्रभावित होकर 2011 में केंद्र सरकार ने भी आजीविका मिशन की शुरुआत की। सरकारी योजनाओं में जीविका की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई नये पहल किये गये हैं। जीविका समूहों को जिला एवं अनुमंडल अस्पतालों में मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने एवं सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए पोशाक तैयार कराने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।

जल-जीवन-हरियाली के तहत बनाये गये पोखर एवं तालाबों को मछली पालन के लिए जीविका समूहों को नि:शुल्क दिया जा रहा है। बिहार में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें इन संस्थाओं में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है।

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। वर्ष 2013 से ही बिहार के पुलिस बल में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है और अब तक पुलिस में 23 प्रतिशत महिलाएं हो गयी हैं, जो शायद ही किसी प्रांत में हो। सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण है।

अब सात निश्चय-2 के तहत अविवाहित छात्राओं के इंटर पास करने पर 25 हजार तथा स्नातक करने पर छात्राओं को 50 हजार देने, महिलाओं में उद्यमिता विकास हेतु अनुदान देने तथा हर कार्यालय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है। आज बिहार में 76.7 प्रतिशत महिलाओं का अपना बैंक खाता है। हमने शिक्षा के प्रति बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पोशाक एवं साइकिल योजना की शुरुआत की, जिसके परिणाम सबके सामने है। मैट्रिक की परीक्षा में लडक़े एवं लड़कियों की संख्या लगभग बराबर हो गयी है।

बिहार में प्रजनन दर तभी नियंत्रण होगा, जब लड़कियां कम से कम इंटर पढ़ेंगी। लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई कर सके, इसके लिए हर पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा रही है। बिहार की महिलाओं की मांग पर हमने पूरे राज्य में शराबबंदी लागू करने जैसा चुनौतीपूर्ण फैसला लिया। इसका लाभ समाज के सभी लोगों खासकर महिलाओं एवं बच्चों को मिल रहा है।’