नौ हजार से अधिक शराब की पेटियों को नष्ट करना बताया था
बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने पिछले दिनों अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल मीणा की मौजूदगी में नौ हजार से अधिक शराब की पेटियों को 26 अगस्त से 31 अगस्त के बीच नष्ट करना बताया था। यह शराब तस्करी की जा रही थी और इसे साल 2012 से 2020 के बीच पकड़ा गया था। उक्त शराब बिछीवाड़ा थाने के मालखाने में रखी हुई थी। जिसका प्रभारी हेड कांस्टेबल रत्नाराम था। तीनों ही पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उक्त शराब बुलडोजर के जरिए नष्ट किए जाने की जानकारी मीडिया को फोटो सहित भेजी गई थी। जबकि गुजरात पुलिस की स्टेट मानिटरिंग सैल ने दो सितंबर को महिसागर जिले के कोटम्बा थाना क्षेत्र से शराब के कार्टन से भरी एक कार बरामद की।
तस्करों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित हुए पुलिस अधिकारी
जब्त शराब की जांच की गई तो पता चला कि उक्त शराब डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाने द्वारा जब्त की गई थी। इसकी जानकारी राजस्थान पुलिस के मुखिया को दी गई तो हड़कंप मच गया। पुलिस महानिदेशक ने इसकी जांच उदयुपर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रफुल्ल कुमार को सौंपी। उनकी जांच में तस्करों से मिलीभगत साबित होने पर उन्होंने जिम्मेदार आफिसर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल मीणा, बिछीवाड़ा थानाधिकारी रणजीत सिंह तथा मालखाना इंचार्ज हेड कांस्टेबल रत्नाराम को निलंबित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ विभागीय जांच के आदेश दिए। तस्करों से साठगांठ मामले की जांच पुलिस अधीक्षक राशि डोगरा को सौंपी गई है।