लुधियाना। King Charles III: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स आजकल चर्चा में है। चार्ल्स 73 वर्ष की उम्र में किंग बने हैं और अब उन्हें किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) के नाम से जाना जाएगा। 44 साल पहले प्रिंस के रूप में चार्ल्स पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना भी पहुंचे थे। यहां पीएयू आकर चार्ल्स ने पौधरोपण व जैविक खेती को लेकर गहरी रूचि दिखाई थी। मंगलवार को यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (VC) डा. एसएस गोसल (Dr. SS Gosal) ने किंग चार्ल्स के राजगद्दी पर बैठने पर उनके पीएयू दौरे की यादों को सांझा किया।
पीएयू में बनाए गए डा. उप्पल म्यूजियम का किया था दाैरा
वीसी (VC) ने कहा कि साल 1978 में जब प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) पीएयू आए थे, उस दौरान उन्होंने फसलों की अलग-अलग किस्मों, मिटटी व पानी के स्त्रोतों व डेयरी फार्मिंग को लेकर दिलचस्पी दिखाई। उस समय डा. अमरीक सिंह चीमा पीएयू के वाइस चांसलर थे। चार्ल्स ने पीएयू में बनाए गए डा. उप्पल म्यूजियम का विशेष तौर पर दौरा किया था। जहां उत्तरी भारत के जल सव बिजली स्त्रोतों को दर्शाया गया है।
वातावरण में हो रहे बदलाव से निपटने के लिए किंग चार्ल्स प्रयासरत
म्यूजियम को देखकर प्रिंस चार्ल्स काफी प्रभावित भी हुए थे और सराहा था। वीसी ने कहा कि प्रिंस चार्ल्स पीएयू आए थे, तब वह पीएचडी के स्टूडेंट थे। उन्हें दूर से ही देखा था। व्यवहार से वह काफी नम्र और डाउन टू अर्थ लगे। प्राकृति के प्रति असीम प्रेम रखने वाले किंग चार्ल्स वातावरण में हो रहे बदलाव से निपटने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। गाैरतलब है कि 14 नवंबर, 1948 काे प्रिंस चार्ल्स का जन्म हुआ था। वह राजकुमारी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप की पहली संतान हैं।