बीना, । मध्य प्रदेश के बीना तहसील से पदस्थ पटवारी विनोद अहिरवार की अमानवीय हरकत की हर जगह चर्चा हो रही है। पटवारी विनोद अहिरवार ने जिला सदस्य छमादार कुर्मी को
एससी-एसटी के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए उसकी पीठ पर लात रखते हुए पैर पड़वाने का फोटो खींचा और उसे वायरल कर दिया। प्रशासनिक महकमे में इस फोटो के वायरल होते ही इंटरनेट मीडिया पर हड़कंप मच गया है। इस मामले में पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
कुर्सी मांगने पर भड़का पटवारी
क्षमादार कुर्मी (जिला सदस्य) से मिली जानकारी के अनुसार 2 अक्टूबर को पटवारी पंचायत में आयोजित ग्राम सभा में शामिल होने गया था। सभा में उन्हें देखकर सरपंच उषा पटेल व सचिव उठ खड़े हुए, उन्होंने सरपंच और सचिव से बैठने के लिए कहा और बोले की हम तो पटवारी जी की कुर्सी पर बैठ जाएंगे।
पटवारी से कुर्सी मांगने पर वह भड़क गया और सीधे थाने चला गया। जिला सदस्य पर पटवारी ने सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। पटवारी की अर्जी पर भानगढ़ पुलिस ने माफ करने वाले कुर्मी के खिलाफ धारा 353 के तहत केस दर्ज किया है।
पीठ पर पैर रख खिंचवाया फोटो
कुर्मी के मुताबिक सोमवार को पटवारी का फोन आया कि मामले में सुलह करना चाहते हैं तो मेरे घर आ जाओ। वे कानूनी कार्रवाई से बचना चाहता था इसएिल पटवारी के घर पहुंच गया। पटवारी बोला अगर आप हमारे पैरों पर गिरे और माफी मांगें तो हम केस वापस ले लेंगे।
अगर ऐसा नहीं किया तो एससीएसटी एक्ट का केस भी दर्ज किया जाएगा। क्षमदार कुर्मी जेल जाने के डर गया और पटवारी के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। पटवारी ने तुरंत जिला सदस्य की पीठ पर अपना एक पैर रख फोटो खींचा और वायरल कर दिया।
जिला सदस्य क्षमेदार पटेल का कहना है कि इस फोटो के वायरल होते ही समाज में हमारा सम्मान खत्म हो गया है, अगर पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कि तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
पटवारी बोला – फंसाया जा रहा है मुझे
मामले में पटवारी विनोद अहिरवार का कहना है कि 2 अक्टूबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से किसी योजना को लेकर बात कर रहे थे। जनपद सदस्या ने वहां आकर गलत व्यवहार किया और कुर्सी से हटने के लिए कहा। जिससे सरकारी काम में भी बाधा आयी।
गांव के लोग सोमवार को घर आए थे और धक्का देकर जनपद सदस्य को मेरे पैरों में गिरा दिया और उनके साथ आए लोगों ने फोटो खींच लिया। पटवारी का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है। हालांकि मंगलवार रात को पटवारी के निलंबर का आदेश जारी कर दिया गया था।