कोरोना काल में सबसे बड़ी मार नागरिक उड्डयन क्षेत्र पर
कोरोना महामारी से प्रभावित होने के बाद देश का नागरिक उड्डयन क्षेत्र ठीक होने की राह पर है। ज्ञात हो कि कोरोना काल में सबसे बड़ी मार नागरिक उड्डयन क्षेत्र पर पड़ी थी। विदेश से महामारी के आने के कारण सबसे पहले हवाई सेवा को बंद किया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला गया था। उन्हें काफी दिनों तक वेतन नहीं मिला था, लेकिन अब इस क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिला है। परिवहन के अन्य क्षेत्र की तरह अब हवाई सेवा में भी प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उसके किराए में भी धीरे- धीरे कमी आ रही है।
चार लाख घरेलू हवाई यात्रियों के जरिये हासिल किया मील का पत्थर
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को ट्वीट किया कि नौ अक्टूबर को देश ने चार लाख घरेलू हवाई यात्रियों के जरिये मील का पत्थर हासिल किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिक उड्डयन की न केवल चार लाख दैनिक यात्री संख्या को पार करने के लिए बल्कि कोरेाना के पहले की सबसे अधिक संख्या हासिल करने के लिए सराहना की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि यह बेहतर दिनों का महान संकेत है। हमारा ध्यान पूरे देश में कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने पर है, जो ‘ईज ऑफ लिविंग’ और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने सिंधिया के ट्वीट का भी हवाला दिया। अगस्त महीने में भारतीय एयरलाइंस ने कुल 1.01 करोड़ यात्रियों को ढोया, जो आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई में पंजीकृत यातायात से चार प्रतिशत अधिक था।
देश में 1,957 कोरेाना के नए मामले, 8 मौतें हुईं
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत ने पिछले 24 घंटों में कोविड के 1,957 नए मामले दर्ज किए हैं, जबकि पिछले दिन 2,424 मामले दर्ज किए गए थे। इसी अवधि में देश में आठ लोगों की मौत कोविड से हुई है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक कोविड से मरने वालों की संख्या 5,28,822 हो गई। इस बीच, देश में कोरोना के सक्रिय मामले 27,374 हैं, जो देश के कुल पाजिटिविटी रेट के लगभग 0.06 प्रतिशत है।
इस दौरान पिछले 24 घंटों में 2,654 रोगी ठीक हुए। देश में कोरोना से रिकवरी दर 98.75 प्रतिशत हो गई है। इस बीच भारत की दैनिक पाजिटिविटी रेट 0.71 प्रतिशत बताई गई है, जबकि वर्तमान में साप्ताहिक पाजिटिविटी रेट भी 1.21 प्रतिशत है। साथ ही इसी अवधि में देश भर में 76,125 टेस्ट किए गए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 89.73 करोड़ से अधिक हो गई है।