जयपुर, : राजस्थान (Rajasthan) में एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले 5 दिसंबर को प्रदेश के सरदार शहर विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होगा। कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के कारण यह सीट खाली हुई है।
इस सीट से उनके पुत्र अनिल शर्मा (Anil Sharma) को कांग्रेस का टिकट मिलना तय माना जा रहा है। यह उप चुनाव प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव परिणाम एक तरफ जहां कांग्रेस की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करेगा,वहीं इसका असर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी हो सकता है।
गहलोत विरोधी सचिन पायलट खेमा करेगा लाबिंग
चुनाव में यदि कांग्रेस प्रत्याशी की हार होती है तो गहलोत विरोधी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा उनके खिलाफ पहले से अधिक मजबूती से लाबिंग करेगा। वहीं चुनाव परिणाम यदि कांग्रेस के पक्ष में आता है तो गहलोत पार्टी में पहले से अधिक मजबूत होंगे।
उप चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद गहलोत ने अपने विश्वस्त नेताओं के साथ शनिवार को चर्चा की। उधर भाजपा ने भी तैयारी प्रारंभ कर दी है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह रविवार को जयपुर में वरिष्ठ नेताओं की बैठक लेंगे। वे पोलिंग बूथ स्तर पर बनाई जा रही कमेटियों की समीक्षा करेंगे।
भाजपा ने पार्टी को पोलिंग बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिहाज से कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने का निर्णय लिया है। भाजपा ने सरदारशहर से संभावित प्रत्याशी के बारे में विचार-विमर्श करना प्रारंभ कर दिया है।उल्लेखनीय है कि मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल में अब तक छह विधायकों का निधन हुआ है । विधायकों के निधन के कारण अब तक हुए पांच उप चुनाव में तीन पर भाजपा और दो पर कांग्रेस जीती है। एक सीट पर पांच दिसंबर को उप चुनाव होना है।
बेरोगार युवक कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे
पिछले 35 दिन से गुजरात में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव प्रचार कर रहे राजस्थान के बेरोजगार युवा अब सरदारशहर में कांग्रेस प्रत्याशी के विरूद्ध मोर्चा खोलेंगे । बेरोजगार संघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले साल,2018 मं बेरोजगारों से कई वादे किए थे।
लेकिन इनमें से अधिकांश पूरे नहीं किए हैं। गहलोत सरकार बेरोजगारों की बात सुनने को तैयार नहीं है। इसलिए बेरोजगारों ने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने का निर्णय लिया है।