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वायुसेना प्रमुख RKS भदौरिया को चुभी CDS बिपिन रावत की बात, बोले वायुसेना का है अहम रोल


नई दिल्‍ली. वायुसेना, नौसेना और थल सेना के बीच समन्‍वय बढ़ाने के लिए पिछले काफी समय से एकीकृत संयुक्त सैन्य कमान के गठनकी तैयारी चल रही है. एकीकृत कमांड को लेकर वायुसेना (Indian Air Force) पहले ही अपनी आपत्ति दर्ज करा चुकी है. इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat ) के एक बयान ने वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) की नाराजगी को और बढ़ा दिया है. बता दें कि CDS बिपिन रावत ने इंडियन एयर फोर्स को सपोर्ट आर्म ऑफ आर्मी बताया था. इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब CDS बिपिन रावत ने इंडियन एयरफोर्स को थल सेना की सहायक इकाई बताया. जनरल रावत ने कहा कि जब वायु सेना, थल सेना की मात्र सहायक इकाई है तो उसे एकल वायु रक्षा कमान को लेकर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्‍होंने कहा युद्ध की स्थिति में सुरक्षा बलों को वायु सेना से सपोर्ट देने की अपेक्षा की जाती है.

जनरल बिपिन रावत का बयान वायुसेना चीफ राकेश भदौरिया को इस कदर चुभ गया कि उन्‍होंने रावत के बयान को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इंडियन एयरफोर्स इंडियन आर्मी की सपोर्ट आर्म नहीं है. उन्‍होंने कहा कि एयरफोर्स की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह ग्राउंड फोर्सेज से पहले जाकर किसी भी प्रकार के खतरे को कम करती है. उन्‍होंने कहा कि इंडियन एयर फोर्स थल सेना को सपोर्ट नहीं करती बल्कि युद्ध की स्थिति में सेना की अगुवाई करती है.

जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, एयर चीफ मार्शल ने कहा, यह अकेले सहायक भूमिका नहीं है. किसी भी एकीकृत युद्ध भूमिका में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना एकीकृत थिएटर कमान की प्रस्तावित स्थापना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. योजना के अनुसार, थिएटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक ऑपरेशन कमांडर के तहत एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के वास्ते एक इकाई के रूप में काम करेंगी.वर्तमान में थल सेना, नौसेना और वायुसेना के पास अलग-अलग कमान हैं.