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गवर्नर आरिफ खान संग विवाद के बीच हाई कोर्ट ने केरल के मुख्यमंत्री को दिया बड़ा झटका


केरल हाई कोर्ट ने आज (सोमवार, 14 नवंबर) एक  विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को रद्द करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को बड़ा झटका दिया है। विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उनकी सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच हाई कोर्ट का ताजा आदेश सीएम के लिए यह बड़ा झटका है। हाई कोर्ट ने केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वद्यालय (केयूएफओएस) के कुलपति के तौर पर डॉ. के रीजि जॉन की नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों के खिलाफ है। न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाले की पीठ ने कहा कि डॉ. के रीजि जॉन को केयूएफओएस का कुलपति नियुक्त करने के दौरान यूजीसी के उस नियम का पालन नहीं किया गया, जिसके तहत कुलाधिपति को तीन या उससे अधिक दावेदारों की सूची भेजना अनिवार्य है। पीठ ने कहा कि नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कुलाधिपति एक चयन कमेटी गठित कर सकते हैं। उसने स्पष्ट किया कि कुलपति के चयन में यूजीसी के मानदंडों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय का यह फैसला जॉन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर आया है। हालांकि, विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह फैसला राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा जॉन का इस्तीफा मांगे जाने के कदम को जायज ठहराता है। खान ने इस आधार पर जॉन का इस्तीफा मांगा था कि उच्चतम न्यायालय ने ऐसे ही एक अन्य मामले में कहा था कि यूजीसी के मानदंडों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा गठित चयन कमेटी को कम से कम तीन उपयुक्त दावेदारों के नामों की सिफारिश करनी चाहिए थी। उन्होंने जॉन को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा था कि शीर्ष अदालत द्वारा यूजीसी के नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को खारिज किए जाने के मद्देनजर उन्हें कुलपति के पद पर बने रहने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए।