नई दिल्ली, भीमा कोरेगांव हिंसा मामले (Bhima Koregaon Violence Case) में आरोपित कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत देने वाले तत्कालीन न्यायमूर्ति एस मुरलीधर पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए की गई अपनी टिप्पणी के लिए फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Film Director Vivek Agnihotri) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है।
विवेक ने यह माफी तब मांगी जब अदालत के आदेश के बावजूद विवेक समेत अन्य ने जवाब नहीं दाखिल किया और अदालत ने उच्च न्यायालय द्वारा अग्निहोत्री, आनंद रंगनाथन और स्वराज्य समाचार पोर्टल के खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई करने का निर्णय किया।
16 मार्च तक मामला स्थगित
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ हलफनामा पर विचार करने के बाद मामले को 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि क्योंकि यह मामला अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किया गया था, ऐसे में विवेक अग्निहोत्री को अगली तारीख पर अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस एस मुरलीधर ने यूएपीए केस (UAPA Case) में अभियुक्त गौतम नवलखा को जमानत दी थी। उस दौरान विवेक अग्निहोत्री ने कई ट्वीट कर उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसके बाद ट्वीट को लेकर अग्निहोत्री के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई।
अदालत ने इस साल सितंबर महीने में अग्निहोत्री और अन्य अवमाननाकर्ताओं, आनंद रंगनाथन और ऑनलाइन समाचार पोर्टल स्वराज्य पत्रिका के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करने का फैसला किया था, यह देखते हुए कि अवमानना करने वालों का प्रतिनिधित्व नहीं किया गया था। इसके बाद अग्निहोत्री ने बिना शर्त माफी मांगते हुए एक हलफनामा दायर किया। उन्होंने एक पक्षीय सुनवाई के आदेश को वापस लेने और कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति मांगने के लिए भी एक आवेदन दिया।