जयपुर, । श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ अनशन पर बैठे एक जैन मुनि की जयपुर में मौत हो गई। समुदाय के एक नेता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भूख हड़ताल के दौरान मौत
राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र जैन ने बताया कि समर्थ सागर (74) का पांच दिन के अनशन के बाद शुक्रवार तड़के करीब दो बजे निधन हो गया। सागर यहां सांगानेर इलाके के संघीजी मंदिर में भूख हड़ताल पर थे। इससे पहले, झारखंड सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए अनशन कर रहे एक और जैन मुनि सुग्यसागर महाराज (72) की मंगलवार को मंदिर में मौत हो गई।
श्री सम्मेद शिखरजी क्या है?
श्री सम्मेद शिखरजी झारखंड की पारसनाथ पहाड़ियों में एक जैन तीर्थस्थल है। राज्य सरकार ने इसे एक पर्यटक आकर्षण में बदलने का फैसला किया, जिसने समुदाय को नाराज कर दिया। केंद्र ने गुरुवार को पारसनाथ पहाड़ियों पर सभी पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी और झारखंड सरकार को इसकी पवित्रता की रक्षा के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
इको टूरिज्म गतिविधियों पर लगी रोक
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्री सम्मेद शिखरजी पर पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि श्री सम्मेद शिखरजी जैनियों का तीर्थस्थल बना रहेगा। यहां पर इको टूरिज्म गतिविधियों पर रोक रहेगी। बता दें, जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि यहां अधिक संख्या में पर्यटकों के आने से अनैतिक गतिविधियां बढ़ जाएंगी और तीर्थ स्थल की पवित्रता पर आंच आएगी।